डेस्क: इन्फोसिस ने कहा है कि वह अपने अटेंडेंस सॉफ्टवेयर में कुछ बदलाव करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कर्मचारी महीने में कम से कम 10 दिन ऑफिस से काम करें। इन्फोसिस ने फंक्शनल हेड्स को भेजे एक ईमेल में कहा कि यह नई पॉलिसी 10 मार्च, 2025 से लागू होगी। इन नए बदलावों से हर महीने वर्क-फ्रॉम-होम के दिनों की संख्या पर एक सीमा लगाई जाएगी।
द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिपोर्ट में ईमेल का हवाला देते हुए कहा गया, “इसे लागू करने के लिए, 10 मार्च, 2025 से सिस्टम में कुछ बदलाव किए जाएंगे, जिससे हर महीने वर्क-फ्रॉम-होम के दिनों की संख्या सीमित हो जाएगी। यह कदम नए हाइब्रिड वर्क नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जबकि कर्मचारियों को लचीलापन भी दिया जाएगा।”
किस पर पड़ेगा असर?
इस फैसले से इन्फोसिस के 3.23 लाख कर्मचारियों में से जॉब लेवल 5 (JL5) और उससे नीचे के कर्मचारियों पर इसका असर पड़ेगा। JL5 कर्मचारी टीम लीडर होते हैं, जबकि इससे नीचे के रैंक में सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सीनियर इंजीनियर, सिस्टम इंजीनियर और कंसल्टेंट शामिल हैं।
ये लोग नहीं है शामिल: मैनेजर, सीनियर मैनेजर, डिलीवरी मैनेजर और सीनियर डिलीवरी मैनेजर JL6 और उससे ऊपर के रैंक में आते हैं। हालांकि, वाइस प्रेसिडेंट्स इसमें शामिल नहीं हैं।
ऑफिस क्यों बुला रहा है इन्फोसिस?
इन्फोसिस चाहता है कि कर्मचारी ऑफिस आकर काम करें ताकि टीम के साथ बेहतर तालमेल बन सके और कंपनी के वर्किंग कल्चर को मजबूत किया जा सके। साथ ही, यह कदम कर्मचारियों के बीच सहयोग और इन्वोशन को बढ़ावा देने के लिए भी है। हालांकि, कंपनी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों को फ्लैक्सिबिलिटी मिले और वे कुछ दिन घर से भी काम कर सकें। एक अन्य कर्मचारी के हवाले से कहा गया कि यह कदम यूनिट की आवश्यकता के बजाय परियोजना की आवश्यकता से अधिक है।