डेस्क:जेट एयरवेज के फिर से शुरू होने की रही-सही आस पूरी तरह खत्म हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जेट एयरवेज के लिक्विडेशन (एसेट्स या संपत्ति बेचने की प्रक्रिया) का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ अपेलिट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के उस फैसले को भी रद्द कर दिया, जिसमें एक अप्रूव्ड रेजॉलूशन प्लान के तहत जेट एयरवेज की ओनरशिप के जालान-कलरॉक कंसोर्शियम (JKC) को ट्रांसफर करने को बरकरार रखा गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा है कि लिक्विडेशन, जेट एयरवेज के लेंडर्स और इसके एंप्लॉयीज के सर्वोत्तम हित में होगा, क्योंकि जालान-कलरॉक कंसोर्शियम (JKC) रेजॉलूशन प्लान के अप्रूवल के 5 साल के बाद भी इसे लागू करने में नाकाम रहा है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मुंबई को लिक्विडेटर की नियुक्ति के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने लेंडर्स को 150 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस बैंक गारंटी (PBG) इनकैश करने की भी इजाजत दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नेशनल कंपनी लॉ अपेलिट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने कोर्ट के जनवरी 2023 के आदेश की अवहेलना की है। NCLAT ने जेट एयरवेज की रेजॉलूशन आवेदक जालान-कालरॉक कंसोर्शियम से 350 करोड़ रुपये की इनफ्यूजन रिक्वॉयरमेंट में 150 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस बैंक गारंटी (PBG) के एडजस्टमेंट की अनुमति दी थी।
नरेश गोयल की अगुवाई वाली जेट एयरवेज एक समय देश की प्रीमियर एयरलाइन थी। जेट एयरवेज साल 2019 से ही ग्राउंडेड है और इसके ऑपरेशंस पूरी तरह ठप हैं। इसके बाद, नेशनल कंपनी लॉ अपेलिट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने जेट एयरवेज के ओनरशिप राइट्स यूके की कालरॉक कैपिटल और युनाइेड अरब एमिरेट्स बेस्ड उद्यमी मुरारी लाल जालान के कंसोर्शियम को ट्रांसफर करने की मंजूरी दी थी।