नई दिल्ली:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सेहत और खान-पान से जुड़ा विवाद थमता नहीं दिख रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) ने अब एम्स की उस डाइट चार्ट पर सवाल उठाया है जिसके आधार पर ईडी और तिहाड़ प्रशासन ने केजरीवाल की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वह खाने में मिठाई और आम समेत ऐसी चीजें ले रहे हैं जिन्हें डॉक्टरों ने खाने से मना किया है। आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और केजरीवाल सरकार में सबसे ज्यादा विभाग संभाल रहीं आतिशी ने कहा है कि जिस डॉक्टर की रिपोर्ट दिखाई गई वह शुगर की विशेषज्ञ नहीं और उनके पास एमबीबीएस की डिग्री भी नहीं है।
आतिशी ने कहा कि ईडी और तिहाड़ प्रशासन ने कोर्ट में दलील रखी कि केजरीवाल सही डाइट चार्ट का पालन करेंगे तो ना उन्हें इंसुलिन की जरूरत है और ना ही डॉक्टर को दिखाने की। आज मैं आप सबको एम्स की डॉक्टर की सच्चाई बताना चाहता हूं। ईडी और तिहाड़ ने जब तक एम्स के डॉक्टर का पक्ष रखा तब तक उन्होंने केजरीवाल को एम्स के किसी डॉक्टर को नहीं दिखाया था। जैसा कि कल हमने उनकी चिट्ठी दिखाकर बताया दो दिन पहले तक उन्होंने किसी शुगर स्पेशलिस्ट की रिक्वेस्ट एम्स के सामने नहीं रखी थी।’
आतिशी ने डाइट चार्ट हाथ में लेकर आरोप लगाया कि यह किसी शुगर स्पेशलिस्ट की ओर से जारी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘कोर्ट में यह कागज दाखिल किया तिहाड़ प्रशासन ने कि एम्स के सबसे बड़े डॉक्टर ने केजरीवाल की डाइट चार्ज बताई है। इसके आधारा पर केजरीवाल की इंसुलिन का विरोध किया। इसके किसने बनाया? क्या इसे शुगर स्पेशलिस्ट ने बनाया? नहीं इसे किसी डायबिटोलॉजिस्ट ने नहीं बनाया। यह एम्स के न्यूट्रिशियन डिपार्टमेंट से स्टैंडर्ड डाइट चार्ट ईडी उठा के ले आई। कहते हैं कि इन्होंने एम्स के टॉप डॉक्टर से कंसल्ट किया। इस पर साइन करने वाली डॉक्टर डायटिशियन हैं। वह एमबीबीएस डॉक्टर नहीं एमएससी और पीएचडी हैं न्यूट्रिशियन और डाइटिशियन होंगी। वह अनुभवी होंगी लेकिन अरविंद केजरीवाल जी जो दिल्ली के सीएम हैं, जिनका शुगर लेवल 300 है और 45 तक गिर गया था, उनके लिए क्या यह सलाह ली जा रही है?’
आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की डायबिटीज छोटी चीज नहीं है। उन्हें 30 साल से डायबिटीज है। वह 54 यूनिट इंसुलिन लेते हैं। उनका शुगर लेवल 300 पार कर रहा है। जब ईडी कस्टडी में थे उनका शुगर लेवल 45 तक गिर गया था। मात्रा 11 दिन में उनका वजन पांच किलो घट गया था। ऐसी फ्लक्चुएशन किसी भी डायबिटिक मरीज के लिए गंभीर हो सकती है।