नई दिल्ली:दिल्ली में मुख्यमंत्री के बंगले को लेकर नया सियासी विवाद शुरू हो गया है। दिल्ली सरकार ने बुधवार को आरोप लगाया कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने 6-फ्लैग स्टाफ रोड का जो बंगला खाली किया था, उसे नई मुख्यमंत्री आतिशी को नहीं सौंपा जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि ऐसा दिल्ली के एलजी के इशारे पर हो रहा है। इसके जवाब में एलजी कार्यालय ने कहा कि यह मुख्यमंत्री आवास नहीं है। अन्य सभी मुख्यमंत्रियों के बंगले की तरह इसका मालिक भी पीडब्ल्यूडी है। आवास का लेखा-जोखा लेने के बाद इसे विधिवत आवंटित किया जाएगा। उधर, भाजपा और कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को घेरते हुए कई आरोप लगाए।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बुधवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के एलजी के आदेश पर सीएम आतिशी का सामान उनके आधिकारिक आवास से जबरन बाहर निकाल दिया गया। भारतीय राजनीतिक इतिहास में पहली बार एक मुख्यमंत्री को आवास से जबरन बेदखल कर दिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि एलजी का इरादा मुख्यमंत्री आवास को भाजपा के एक बड़े नेता को आवंटित करने का है। दिल्ली की सत्ता से 27 साल दूर रहने के बाद भाजपा का यह हताशापूर्ण प्रयास मुख्यमंत्री आवास पर अवैध रूप से कब्ज़ा करने की साजिश का एक हिस्सा है। बयान में कहा गया है कि पीडब्ल्यूडी ने बीते 6 अक्तूबर को मुख्यमंत्री आवास की चाबी मुख्यमंत्री आतिशी को सौंप दी थी और वह उस आवास में शिफ्ट होने जा रही थीं। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने बकायदा नो-ड्यूज सर्टिफिकेट भी जारी किया है।
जीएडी ने सर्टिफिकेट में स्पष्ट बताया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आवास खाली कर दिया है और आवास से संबंधित पानी, बिजली और टेलीफोन समेत सभी बकाया बिलों का भुगतान भी कर दिया है। इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने मुख्यमंत्री आवास की चाबियां वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी को सौंप दीं। अब भाजपा ने उपराज्यपाल से मिलीभगत कर दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री का सामान मुख्यमंत्री आवास से जबरन बाहर निकलवा दिया है।
चाबी सीएम आतिशी के पास
मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक अतिशी ने छह अक्तूबर को दोपहर 2 बजे मुख्यमंत्री आवास का दौरा किया, जहां पीडब्ल्यूडी के अधिकारी कार्यकारी इंजीनियर (सिविल) और सहायक इंजीनियर इलेक्ट्रिकल मौजूद थे। इस दौरे के दौरान, सेक्शन ऑफिसर ने पीडब्ल्यूडी के जूनियर इंजीनियर को चाबियां दीं और उसने उन चाभियों को मुख्यमंत्री अतिशी को सौंप दिया। अब मुख्यमंत्री आवास की चाभी वर्तमान मुख्यमंत्री के पास हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री के आवास को लेकर चल रहे विवादों के बीच राजनिवास के सूत्रों ने कहा कि घर खाली होने के बाद पीडब्ल्यूडी ही उसका कब्जा लेता है। आवास का लेखा-जोखा लेने के बाद उसे विधिवत आवंटित किया जाएगा। सीएम ने बिना आवंटन के सामान रखा।
आतिशी के नाम अभी आवंटन नहीं: राजभवन
राजनिवास के सूत्रों ने कहा कि 6-फ्लैग स्टाफ रोड मुख्यमंत्री आवास नहीं है। अन्य सभी मुख्यमंत्रियों के आवास की तरह इस का मालिक भी पीडब्ल्यूडी है। पीडब्ल्यूडी ही घर खाली होने पर उसका कब्जा लेता है। उसकी इंवेटरी बनाता है और फिर उसको विविधत आवंटित करता है। जब पूर्व मुख्यमंत्री ने घर खाली किया तो पीडब्ल्यूडी को उसका कब्जा क्यों नहीं दिया। इसमें क्या छिपाया जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक यह घर मुख्यमंत्री आतिशी को अभी तक आवंटित नहीं किया गया है। उनका आवंटित आवास अभी भी 17-एबी मथुरा रोड है। उन्हें दो-दो आवास कैसे आवंटित हो सकते हैं। राजनिवास के सूत्रों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आतिशी ने बिना आवंटन के खुद अपना सामान उस घर में रखा और फिर खुद ही वहां से हटाया। आवास के बारे में किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं। बंगले की इंवेटरी विधिवत तैयार कर लेने के बाद उसे मुख्यमंत्री को आवंटित कर दिया जाएगा। वहीं, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि हम पीडब्ल्यूडी द्वारा की गई इस कार्रवाई का स्वागत किया।
कब्जा करना चाह रही भाजपा: संजय सिंह
आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि 27 वर्ष से भाजपा दिल्ली में वनवास काट रही है। जब वह चुनाव में आम आदमी पार्टी को नहीं हरा पाई और अपना मुख्यमंत्री नहीं बना पाई तो अब मुख्यमंत्री आवास पर कब्जा करना चाह रही है, इसलिए अधिकारियों के जरिए मुख्यमंत्री आवास को कब्जाने की हर कोशिश कर रही है। आप मुख्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में संजय सिंह ने कहा कि भाजपा फिर आम आदमी पार्टी के खिलाफ झूठ और भ्रम फैलाने में लग गई है। पहले पार्टी को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन जब सफल नहीं हो पाई तो अब सीएम आवास को लेकर अफवाह फैला रही है।
बंगले का वीडियो जारी करे पीडब्ल्यूडी: सचदेवा
भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले पर पीडब्ल्यूडी के कब्जे का स्वागत किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि इस बंगले का सर्वे कर वीडियो आम जनता के सामने रखा जाना चाहिए। भाजपा लगातार इस मकान को सील करने की मांग कर रही थी। सचदेवा ने कहा है कि आप सरकार बंगले के मामले में जल्दबाजी कर रही थी। बगैर अलॉट हुए इसे सीएम आतिशी का बंगला बताया जाने लगा। आम आदमी पार्टी सरकार बंगले में हुए निर्माण कार्य को छिपाना चाहती थी। जनता के पैसे से यहां निर्माण हुआ है। जनता को इसके बारे में जानने का हक है।
बंगले में छिपे हो सकते हैं कई राज: देवेंद्र यादव
दिल्ली कांग्रेस ने कहा है कि मुख्यमंत्री आवास को पीडब्ल्यूडी द्वारा सील किया जाना प्रशासनिक कार्यवाही है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि इस आवास में कई मामलों के राज छिपे हैं। आवास को पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा प्रशासनिक प्रक्रियाओं के तहत छोड़ने के बाद सीएम आतिशी की ओर से जबरन प्रवेश करने से साफ है कि मामला कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि इस आवास में शराब घोटाले, अवैध निर्माण, पेड़ की कटाई, राज्यसभा सांसद स्वाती मालीवाल के साथ हुई कथित मारपीट जैसे कई संवेदनशील मामलों के राज छिपे हो सकते हैं।
कब क्या हुआ?
15 सितंबर- अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे की घोषणा की थी।
4 अक्टूबर- 6-फ्लैग स्टाफ रोड बंगला खाली कर दिया गया।
4 अक्टूबर- मुख्यमंत्री आतिशी को इसी घर के आवंटन के लिए लिखा गया।
6 अक्टूबर- आतिशी अपने सामान के साथ पहुंचीं और कर्मचारियों के साथ बैठक की।