कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि वह पीएम मोदी के लिए कोई भी पकवान तैयार करने को तैयार हैं लेकिन क्या उनका बनाया हुआ पकवान वह खाना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा, मैं भेदभाव में यकीन नहीं रखती इसलिए अलग-अलग राज्यों के पकवान खाती रहती हूं। ममता बनर्जी बैरकपुर में आयोजित एक रैली को संबोधित कर रही थीं।
ममता बनर्जी पीएम मोदी की उस बात का जवाब दे रही थीं जिसमें उन्होंने बताया था कि वह मछली, मांस और अंडे नहीं खाते। जब से प्रधानमंत्री मोदी ने तेजस्वी यादव को लेकर टिप्पणी की है, बंगाल के चुनाल प्रचार में खाने और मछली पर बात आम हो गई है। पीएम मोदी ने तेजस्वी यादव को घेरते हुए कहा था कि वह उस दौरान भी मछली खाते हैं जब हिंदू नॉन-वेज खाने से परहेज करता है।
ममता बनर्जी ने कहा, लोगों को जो पसंद आएगा वह खाएंगे। आपको जो अच्छा लगता है, खा सकते हैं। जो लोग शाकाहारी हैं वे शाकाहारी भोजन ले सकते हैं। वहीं जो मांस खाना चाहते हैं वे मांस खा सकते हैं। यह देश हम सबका है। यहां अलग-अलग भाषाएँ, संस्कृति हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही वह खाना पकाती रही हैं। पीएम मोदी की 400 सीटों के दावे को लेकर उन्होंने कहा कि 200 भी नहीं पार हो पाएगा। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि भाजपा वापसी नहीं कर रही है।
ममता बनर्जी ने कहा कि वह अत्याचारों के बारे में “झूठे दावे” करके राज्य की महिलाओं के आत्म-सम्मान और गरिमा के साथ खिलवाड़ न करें। बोंगांव में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख बनर्जी ने कहा कि मोदी को यह ध्यान रखना चाहिए कि पश्चिम बंगाल की स्थिति भाजपा शासित राज्यों जैसी नहीं है।
उन्होंने कहा, ”महिलाओं के आत्मसम्मान के साथ न खेलें, हमारी माताओं और बहनों की गरिमा के साथ खिलवाड़ करने की साजिश न रचें।” प्रधानमंत्री ने रविवार को अपनी जनसभाओं में आरोप लगाया कि टीएमसी संदेशखालि में कुकर्मों को छिपाने की कोशिश कर रही है, जहां टीएमसी नेताओं पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगा है।
हालांकि, हाल में सामने आए एक वीडियो में संदेशखालि के एक भाजपा नेता को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया था कि नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के इशारे पर महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया था और इस “पूरी साजिश” में उनका हाथ था। ऐसे ही एक अन्य वीडियो में बलात्कार की शिकायत दर्ज कराने वाली महिलाओं के एक वर्ग ने कथित तौर पर दावा किया कि भाजपा नेताओं ने उनसे एक कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए और थाने जाने के लिए मजबूर किया। हालांकि लाइव हिंदुस्तान इस दावे की पुष्टि नहीं करता है।