भोपाल:मध्य प्रदेश के बालाघाट में नक्सली आतंक का चेहरा सामने आया है। नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में आदिवासी युवक की गोली मारकर हत्या कर दी है। इस घटना की पुष्टि पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने की है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की मदद से मृतक युवक का शव बरामद कर लिया गया है। शव के पास पुलिस को नक्सलियों का एक नोट भी मिला है।
साथ ही इसके घटनास्थल पर नक्सलियों के फेंके पर्चे भी मिले हैं। नक्सली युवक के खून से लथपथ शव के ऊपर पर्चे फेंक कर भाग निकले। पर्चों में मलाजखंड एरिया कमेटी ने पुलिस को ग्रामीणों को पैसों का लालच देकर मुखबिरी बंद करने की चेतावनी दी। इसके साथ ही नक्सलियों ने पुलिस की मदद करने वाले या पुलिस नेटवर्क बनने वालों को मौत की सजा देने की बात लिखी है।
हालांकि जिले का यह कोई ऐसा पहला मामला नहीं है, जब नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर को निशाना नहीं बनाया है। इससे पूर्व भी कई ऐसी घटनायें सामने आ चुकी है। जब नक्सलियों ने पुलिस के कथित मुखबिरों को अपना निशाना बनाया है।
बता दें कि बालाघाट जिला दशकों से नक्सली समस्या से जूझ रहा है, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सीमा से लगे बालाघाट जिले के परसवाड़ा, बैहर और लांजी क्षेत्र, नक्सली आतंक से हमेशा से जूझ रहा है, अक्सर यहां के जंगलो में नक्सली अपनी पैठ बनाने अपनी उपस्थिति का अहसास कराते रहते है।
गौरतलब है कि 3 अगस्त को नक्सलियों ने शहीदी सप्ताह मनाया है। इससे पूर्व मार्च में नक्सलियों ने कान्हा नेशनल पार्क के मुक्की गेट के पास समनापुर मार्ग पर वन विभाग के दैवेभो कर्मचारी की मुखबिरी के शक में हत्या की थी।