पटना:बिहार से अलग मिथिलांचल राज्य बनाने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अलग मिथिला राज्य बनाने की मांग कर दी है। इससे राज्य का सियासी पारा गर्मा गया है। बिहार विधान परिषद के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को सदन में राबड़ी देवी ने मिथिला राज्य बनाने की मांग को अपना समर्थन दिया। साथ ही कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लोग इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करें।
बिहार विधान परिषद में मैथिली भाषा पर चर्चा के दौरान पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने अचानक अलग मिथिला राज्य की मांग कर दी। इससे सदन में मौजूद सत्ता और विपक्ष के सदस्य भी एकबारगी हैरान रह गए। बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अलग मिथिला राज्य का मुद्दा जोर पकड़ सकता है। उत्तर बिहार के मैथिली भाषी क्षेत्र के लोग लंबे समय से अलग मिथिलांचल राज्य की मांग कर रहे हैं। इसके लिए समय-समय पर आंदोलन भी चलाए गए।
बिहार विधान परिषद में बुधवार को मैथिली भाषा में संविधान लाए जाने पर चर्चा की गई। सत्ता पक्ष के सदस्य इसके लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को धन्यवाद दे रहे थे। इस पर राबड़ी देवी ने कहा कि केंद्र और बिहार, दोनों जगह आपकी ही सरकार है। आपने मैथिली भाषा को सम्मान दिया, यह अच्छी बात है। मगर मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग को भी स्वीकार कर लेना चाहिए। सदन से बाहर निकलने के बाद भी मीडिया से बातचीत में उन्होंने अपनी बात को दोहराया।
बहुत पुरानी है अलग मिथिला राज्य की मांग
बिहार के मिथिला क्षेत्र को अलग राज्य बनाने की मांग देश की आजादी से पहले की है। जब साल 1912 में बंगाल से बिहार अलग हुआ था, उसी समय अलग मिथिला राज्य बनाने की मांग उठी थी। आजादी के बाद समय-समय पर लोग यह मांग उठाते रहे। फिर जब बिहार से झारखंड अलग हुआ, तो मिथिला राज्य की मांग ने भी जोर पकड़ दिया। इसके बाद समय-समय पर पटना से लेकर दिल्ली तक प्रदर्शन होते रहे हैं।