जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस की पहली सूची का इंतजार बढ़ता जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में कांग्रेस प्रत्याशियों की जारी में हो रही देरी के पीछे राहुल गांधी की आपत्ति है। दरअसल केंद्रीय चुनाव प्रचार समिति की बैठक में राहुल गांधी की सिंगल पैनल नामों पर आपत्ति दर्ज करवाई थी। जिसके बाद प्रत्याशियों की लिस्ट अटक गई। कांग्रेस की सीईसी की मीटिंग में राहुल गांधी एक पैनल वाले नाम देखकर हैरान हो गए। राहुल गांधी ने कहा कि वहीं घिसे-पीटे नाम। सर्वे रिपोर्ट मेरे पास भी है। यह सुनकह सीएम अशोक गहलोत और रंधावा हैरान हो गए। इसलिए कांग्रेस की सूची अटक गई। अब 20 अक्टूबर को दौसा के सिकराय में होने वाली प्रियंका गांधी की सभा के बाद ही टिकटों की घोषणा होने के आसार हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने खुद इसके संकेत दिए हैं। दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राजस्थान के उम्मीदवारों की पहली सूची के नामों पर फैसला हो चुका है। कुछ नामों पर राहुल गांधी ने फिर से विचार करने को कहा है।
बगावत को रोकने के लिए देरी
सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस में भी बड़ी संख्या में विधायकों के टिकट काटे जाएंगे। ऐसे में प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद अभी जो हाल बीजेपी का हो रहा है, वैसा ही कुछ हाल कांग्रेस में भी हो सकता है। ऐसे में संभावित बगावती तेवर को देखते को हुए पार्टी काफी सोच-समझ कर आगे बढ़ रही है। राहुल गांधी चाहते है कि पार्टी एकजुट रहे। इसलिए किसी खेमे से जुड़े नेताओं को भी खास तवज्जो नहीं दी जा रही है। हालांकि पार्टी ने एक सप्ताह पहले ही तय कर लिया था कि बुधवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद टिकटों की पहली सूची जारी कर दी जाएगी। लेकिन केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से भेजी गई करीब 100 सीटों पर सिंगल नाम पर सहमति नहीं बन पाई है। करीब एक दर्जन सीटों पर केंद्रीय चुनाव समिति ने आपत्ति जताई है।
प्रियंका गांधी की रैली के बाद आएगी सूची
सियासी जानकारों का कहना है कि अब सूची जारी होने में करीब तीन दिन का वक्त लग सकता है। 20 अक्टूबर को दौसा के सिकराय में प्रिंयका गांधी की जनसभा है। अब सूची 20 अक्टूबर को प्रियंका गांधी की रैली के बाद ही जारी हो होने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस कोशिश में है कि बिना विवाद वाले जिन नामों पर सहमति बनी है उनकी एक छोटी सूची जारी कर दी जाए, लेकिन उस पर अभी सहमति नहीं मिल पाई है।
टिकट कटने का भारी दबाव
कांग्रेस के लिए राजस्थान करो या मरो जैसा बना हुआ है। यही वजह है कि पहली सूची फाइनल नहीं हो पा रही है। सरकार रिपीट के लिए कई दौर के लिए सर्वे कराए गए। खराब छवि वाले विधायकों का टिकट काटने का पार्टी पर भारी दबाव है। कुछ सीटों को होल्ड पर रखा हुआ है। चर्चा है कि बीजेपी के नेता शामिल हो सकते है। ऐसे में उन्हें कांग्रेस का टिकट मिलना तय माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार करीब 20-25 सीटें ऐसी है जहां उम्मीदवारों को लेकर विवाद है। इन पर फैसला नहीं हो पा रहा है। राहुल गांधी ने खराब छवि वाले विधायकों पर सवाल उठा दिए। हालांकि, कांग्रेस की सीईसी ने 200 में से 106 के आसपास नाम तय कर लिए है। लेकिन सूची जारी नही की है।