जयपुर:राजस्थान में राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने-अपने विधायकों को ‘बाड़ेबंदी’ में कैद कर दिया है। क्रॉस वोटिंग, हॉर्स ट्रेडिंग जैसी आशंकाओं के बीच अपने किले को बचाने और सामने वाले के घर में सेंध लगाने की कोशिशें की जा रही है। इस बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने माना है कि ‘विधायकों की बाड़ेबंदी’ को वह ठीक नहीं मानते हैं। हालांकि, उन्होंने इसे मजबूरी बताते हुए कहा कि जिस तरह की स्थिति पिछले कुछ सालों में पैदा की गई है उससे यह करना जरूरी हो जाता है।
सचिन पायलट ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि कांग्रेस को किसी बात का डर नहीं है। उन्होंने कहा, ”जब राज्यसभा का चुनाव आता है तो दुर्भाग्य से एक ट्रेंड बन गया है, हर पार्टी का हर स्टेट में कि विधायकों को साथ रखें। भाजपा के पास संख्याबल एक उम्मीदवार को जितवाने का है, लेकिन उन्होंने दो खड़े कर दिए हैं। कहने को तो वह निर्दलीय हैं, लेकिन उनके सभी प्रस्तावक भाजपा से हैं। कांग्रेस के सभी विधायक चाहते थे कि उन पर कोई दबाव ना बने, कोई प्रलोभन की गुंजाइश ना बने इसके लिए सबने साथ रहने का फैसला किया।”
पायलट ने कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों के जीतने का दावा करते हुए कहा, ”हमारे पास पर्याप्त संख्या से ज्यादा विधायक हैं, इसलिए सभी तीनों सीटों पर जीतेंगे। ऐसा समय आना चाहिए कि संख्याबल पर चुनाव लड़ें, मुद्दों के आधार पर राजनीति होनी चाहिए और पारदर्शी तरीके से चुनाव हो।” राज्यसभा चुनाव से पहले जांच एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है, ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई आदि का दुरुपयोग किया जा रहा है, जो भी भाजपा के खिलाफ बोल रहा है उसके खिलाफ इनका इस्तेमाल आम हो गया है।
निर्दलीय विधायक सुभाष चंद्रा की ओर से क्रॉस वोटिंग को लेकर किए गए दावे पर सचिन पायलट ने कहा, ”जो उम्मीदवार है वह तो कहेगा ही की जीत रहा हूं। लेकिन बता नहीं रहे वोट कौन देगा। माहौल बनाने को कोशिश है। राजस्थान में पार्टी ने जो तीन उम्मीदवार खड़े किए हैं वे जीतने जा रहे हैं।” पायलट ने कहा कि निर्दलीय विधायकों का गुप्त मतदान होता है, लेकिन सभी निर्दलीय विधायक सरकार के साथ हैं। कोई कारण नहीं है कि वे सरकार का साथ ना दें।