स्पोर्ट्स डेस्क:भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) धाकड़ तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को आखिर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर क्यों नहीं भेज रहा? भारतीय क्रिकेट फैंस के मन में यह सवाल लगातार चल रहा है। 34 वर्षीय शमी फिट हो चुके हैं। उन्होंने हाल ही में रणजी ट्रॉफी के जरिए प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की। वह इन दिनों सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024 में बंगाल के लिए खेल रहे हैं। वह एक साल से भारतीय टीम से बाहर हैं। वनडे वर्ल्ड कप 2023 फाइनल उनका आखिरी इंटरनेशनल मैच था। उसके बाद एड़ी की चोट ने लंबे समय के लिए मैदान से दूर कर दिया। उन्हें एड़ी की सर्जरी करानी पड़ी थी।
क्या पर्थ टेस्ट ने बदल दिया समीकरण?
अनेक क्रिकेट एक्सपर्ट का मानना है कि शमी जैसे अनुभवी तेज गेंदबाज को फिटनेस हासिल करने के बाद फौरन ऑस्ट्रेलिया भेजा जाना चाहिए। हालांकि, बीसीसीआई शमी को लेकर हड़बड़ी नहीं दिखाना चाहता। पर्थ टेस्ट ने भी शमी के जाने के समीकरण बदले है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पर्थ में 295 रनों से रौंदा। पेसर हर्षित राणा और तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर नीतीश रेड्डी ने अपने डेब्यू टेस्ट में काफी प्रभावित किया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अजीत अगरकर की अगुवाई वाली सिलेक्शन कमेटी ने अभी तक शमी पर कोई फैसला नहीं किया है।
6 दिसंबर से खेला जाएगा दूसरा टेस्ट
रिपोर्ट के अनुसार, बोर्ड के एक सूत्र ने कहा, “शमी को ऑस्ट्रेलिया भेजने के बारे में अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। फिलहाल, ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुने गए तेज गेंदबाज और पर्थ में पहले टेस्ट के लिए चुनी गई प्लेइंग इलेवन अपना काम बहुत अच्छे से कर रहे हैं।” भारत को ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध पांच मैचों की सीरीज का दूसरा टेस्ट 6 दिसंबर से एडीलेड में खेलना है। यह पिंक बॉल टेस्ट है।
बता दें कि शमी ने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में लौटने के बाद मध्य प्रदेश के खिलाफ रणजी मैच में 7 विकेट चटकाए थे। उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हैदराबाद के विरुद्ध 3 विकेट निकाले। हालांकि, शमी बुधवार (27 नवंबर) को बंगाल वर्सेस मिजोरम मैच में महंगे साबित हुए। उन्होंने 4 ओवर में 46 रन खर्च करने के बावजूद कोई शिकार नहीं किया।