ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर रत्न किसी न किसी ग्रह से संबंधित होता है और उस रत्न को धारण करने से ग्रह मजबूत होते हैं। जिससे जीवन में आ रही हर बाधा दूर होने लगती है। अक्सर ऐसा होता है कि हम किसी काम को बेहद मेहनत और लगन के साथ करते है। लेकिन कार्य में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाते। ग्रहों के दुष्प्रभाव के कारण भी व्यक्ति को जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ज्योतिष उस ग्रह से संबंधित रत्न धारण करने की सलाह देते हैं ताकि उस ग्रह से उत्पन्न दोष खत्म हो और जीवन में आ रही है। हर रुकावट दूर हो जाए।
जन्म कुंडली के आधार पर हर राशि के जातकों के लिए किसी खास रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है ताकि कुंडली में मौजूद ग्रह और नक्षत्रों को मजबूत किया जा सकें। नौ ग्रहों के लिए अलग-अलग रत्न है। जैसे राहु के लिए गोमेद रत्न, शनि ग्रह के लिए नीलम रत्न, गुरु बृहस्पति के लिए पुखराज रत्न, सूर्य के लिए मानिक रत्न, मंगल के लिए मूंगा रत्न, केतु के लिए लहसुनिया रत्न, शुक्र के लिए हीरा रत्न चंद्रमा के लिए मोती रत्न, बुध के लिए पन्ना रत्न।
इन रत्नों को धारण करने से ग्रहों की दशा बदल जाती है और जीवन में आ रही, हर परेशानी हल होने लगती है। किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व ज्योतिष की सलाह जरूर लेनी चाहिए ऐसा करने से आप गलत रत्न धारण करने से बच सकते हैं।
किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व उसे शुद्ध कर, उस ग्रह से संबंधित मंत्रों का जाप कर लेना चाहिए। सभी रत्नों में सभी रत्नों में नीलम रत्न बेहद शक्तिशाली माना है। यह राजा को भी कंगाल कर सकता है और गरीब व्यक्ति को भी रातों- रात धनवान बना सकता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।