जयपुर: पाकिस्तान सीमा के निकट राजस्थान के बाड़मेर जिले में जासूसी के आरोप में पकड़े गए दो आरोपितों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे पाक दूतावास के संपर्क में थे। पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक दूतावास के अधिकारियों को सीमावर्ती क्षेत्रों की जानकारी भेजते थे। बदले में उन्हे पैसे मिलते थे। दोनों ने बाड़मेर में तेल उत्पादन क्षेत्र के साथ ही सामरिक सूचनाएं भी आईएसआई तक पहुंचाई है।
सीमावर्ती इलाकों की सामाजिक जानकारियां भी दोनों ने नियमित तौर पर भेजी है। राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी,सीबी) की टीम सोमवार शाम को दोनों को बाड़मेर लेकर पहुंची । दोनों जासूसों को पिछले शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था।
जानकारी के अनुसार बाड़मेर जिले में चिमाणियों की ढाणी निवासी बॉर्डर होमगार्ड जवान पारूराम (28) और शिव लंगों की ढाणी निवासी रतन खान (52) को गिरफ्तार करने के बाद दोनों के खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं।
सोमवार देर शाम सीआईडी,सीबी की टीम दोनों को उनके घर एवं अन्य ठिकानों पर लेकर गई,जहां से इलेक्ट्रनिक उपकरण और अन्य दस्तावेज जुटाए गए। पारूराम तेल उत्पादन क्षेत्र में तैनात था।
वह पाकिस्तान की महिला एजेंट के हनीट्रैप में फंसकर तीन साल से रुपयों के लालच में टर्मिनल और उसके आसपास स्थित अन्य प्रतिबंधित इलाके के फोटो, वीडियो, लोकेशन आदि सूचनाएं आईएसआई तक भेज रहा था।
रतन खान साल,2012 से अब तक अपने रिश्तेदारों से मिलने के बहाने 20 बार पाकिस्तान जा चुका है। उनके कुछ रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं। पिछले साल भी वह पाकिस्तान जाकर आया था। रतन खान पेशे से पासपोर्ट एजेंट है। साथ ही वह कंबल बेचने का काम भी करता है। जानकारी के अनुसार वह आईएसआई के लिए जासूसी करने को लेकर युवाओं को तैयार करने का काम करता था।