नई दिल्ली:केंद्र सरकार की ओर से देश की तीनों सेनाओं के लिए शुरू की गई अग्निपथ योजना का देश के कई हिस्सों में जमकर विरोध हो रहा है। शुक्रवार को भी बिहार, यूपी, बंगाल, तेलंगाना समेत कई राज्यों में प्रदर्शन और आगजनी की घटना सामने आई। अग्निपथ योजना के विरोध के नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार का बड़ा बयान सामने आया है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि उन्हें योजना को लेकर इस तरह के व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘मुझे इस तरह के किसी विरोध प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की थी। हमने करीब डेढ़ साल तक अग्निपथ योजना पर काम किया…’। अग्निपथ योजना को परिवर्तनकारी बताते हुए एडमिरल कुमार ने कहा, यह भारत में निर्मित और भारत के लिए बनाई गई योजना है।
‘योजना को समझना जरूरी’
इस योजना को वापस लेने की मांग को लेकर युवाओं के एक वर्ग की ओर से देश भर में विरोध के बीच, नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि वे विरोध न करें और हिंसक न हों। उन्हें योजना को समझना चाहिए और शांतिपूर्ण रहना चाहिए। युवाओं के लिए देश की सेवा करने का यह एक शानदार अवसर है।’
चार साल की सेवा के बाद रिटायरमेंट
थल सेना, नौसेना और वायु सेना में चार साल की अवधि के लिए जवानों की भर्ती की अग्निपथ योजना के खिलाफ बुधवार से कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। चार साल की सेवा के बाद इस योजना के तहत भर्ती जवानों में से 75 प्रतिशत को बिना ग्रैच्युटी और पेंशन लाभ अनिवार्य रिटायरमेंट दी जाएगी।
24 जून से शुरू होगी भर्ती
अग्निपथ योजना के तहत वायुसेना की ओर से चयन प्रक्रिया 24 जून से शुरू होगी। वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि 2022 के लिए अग्निपथ योजना के तहत (सशस्त्र बल में) भर्ती किये जाने वालों की उम्र सीमा बढ़ा कर 23 वर्ष कर दी गई है, जिससे सशस्त्र बल में भर्ती के नए ‘मॉडल’ के तहत युवाओं के एक बड़े हिस्से को शामिल किया जा सकेगा।