पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को दावा किया कि वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव उनके राज्य में नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य बिहार में किया गया. सीएम ने कहा, हो सकता है कि बिहार के लोग वंदे भारत ट्रेन नहीं मिलने से परेशान हों. उन्हें ट्रेन नहीं मिली है क्योंकि वे भाजपा के साथ नहीं हैं. जो लोग फेक न्यूज फैलाने की कोशिश कर रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
‘पुरानी ट्रेन है वंदे भारत’
उन्होंने कहा, ‘वंदे भारत कुछ और नहीं बल्कि एक पुरानी ट्रेन है जिसे नए इंजन के साथ नया रूप दिया गया है.’ बता दें कि 3 जनवरी को हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव करने के आरोप में बिहार के किशनगंज में तीन नाबालिगों को गिरफ़्तार किया गया है. सीएम ने कहा, अगर किसी के पास काम नहीं है तो वह क्या करेगा? वे गुमराह कर रहे हैं. केंद्र में आपकी सरकार है. हम हमेशा साथ काम करते हैं. केंद्र और राज्य सरकार संघीय ढांचा है. यह मत सोचो कि यह तुम्हारा एकाधिकार है. यह हम सबका एकाधिकार है.
दो जगह हुईं ऐसी घटनाएं
सीएम बनर्जी 8 जनवरी से शुरू होने वाले गंगासागर मेले की तैयारियों का मुआयना करने दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंची थीं. इससे पहले पूर्वी रेलवे के सीपीआरओ एकलव्य चक्रवर्ती ने कहा कि वीडियो फुटेज की जांच करने के बाद पता लगा कि सोमवार को वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की घटना मालदा जिले में हुई और मंगलवार को ऐसी ही घटना बिहार के किशनगंज जिले में हुई.
पहली घटना में दरवाजे पर लगे कांच में दरार पड़ने और दूसरी घटना में खिड़कियों को नुकसान पहुंचा था. हालांकि, इन घटनाओं में किसी यात्री को चोट नहीं आई. अधिकारी ने बताया था कि दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ताकि दोबारा ऐसी घटनाएं न हो. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 30 दिसंबर को हावड़ा और न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशनों के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी और इस रास्ते पर कमर्शियल सर्विस एक जनवरी से शुरू हुई थी.
घटना पर बीजेपी बनाम टीएमसी.
घटना के बाद बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है. भाजपा इस मांग पर कायम है कि इस घटना की जांच NIA से कराई जाए. बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘जांच अब तक पूरी नहीं हुई है. हम अपनी मांग पर कायम हैं कि सच्चाई सामने लाने के लिए पूरे मामले की एनआईए से जांच कराई जानी चाहिए.