भोपाल:मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सरकारी कर्मचारियों को एक और बड़ा तोहफा दिया हैं। राज्य सरकार अधिकारीयों और कर्मचारियों को प्रमोशन देने की तैयारी कर रही है। इसके संबंध में नियम बनाये जायेंगे जिसका मसौदा विधि विभाग को भेजा गया है। कैबिनेट की आगामी बैठक में इस प्रस्ताव को पेश किया जा सकता है।
इसके लागू होने से प्रदेश के लगभग साढ़े तीन लाख अधिकारी और कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। प्रदेश में 6 साल से पदोन्नति पर रोक लगी हुई है। एमपी हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को पदोन्नति से जुड़े एमपी लोक सेवा नियम-2002 को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अब 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर सुनवाई है।
जानकारी के अनुसार ऐसे अधिकारी और कर्मचारी जो किसी कारण से निलंबित हैं या उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है। या उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश हो चुके हैं तो उनको प्रमोशन नहीं मिल सकेगा।
नए नियमों के अनुसार पदोन्नति कम सीनियरिटी के आधार पर होगी। यह नियम अभी क्लास-1 से सुपर क्लास-1 अधिकारियों के प्रमोशन में लागू है। सरकार की तरफ से तैयार ड्राफ्ट के अनुसार सबसे पहले आरक्षित पद भरे जाएंगे।
इससे पहले शिवराज सरकार ने प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते, जो वर्तमान में 31 प्रतिशत है उसे बढ़ाकर 34 प्रतिशत किए जाने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अगस्त के वेतन से मिलेगा। जिसका भुगतान सितंबर में होगा। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से इस वित्तीय वर्ष में लगभग रुपए 625 करोड़ का अतिरक्ति वित्तीय भार आएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पेंशनर्स की महंगाई राहत को भी छत्तीसगढ़ से सहमति प्राप्त कर इसी अनुसार बढ़ाया जाएगा।