सुरेंद्रनगर:15 अगस्त से एक दिन पहले कांग्रेस सेवा दल के मुख्य आयोजक लालजी देसाई और गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रुत्विक मकवाना सहित पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। नेताओं पर यह केस गुजरात के सुरेंद्रनगर में एक सरकारी स्कूल के खिलाफ कथित तौर पर विरोध प्रदर्शन करने को लेकर किया गया है। दरअसल, स्कूली छात्रों ने बुधवार को तिरंगा यात्रा में हिस्सा लेते हुए वीर सावरकर और चंद्रशेखर आजाद की तस्वीरों वाली टी-शर्ट पहनी थी।
क्यों दर्ज हुई एफआईआर
जिले के चोटिला पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर में पांचों के खिलाफ यात्रा में बाधा डालने और सांगानी गांव के प्राथमिक विद्यालय के प्रिंसिपल और शिक्षकों को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने का आरोप लगाया है। स्कूल के प्रिंसिपल कल्पेश चौहान की शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि कांग्रेस नेताओं ने छात्रों और शिक्षकों को सुबह करीब 11 बजे तिरंगा यात्रा रोकने के लिए तब मजबूर किया, जब तिरंगा यात्रा और कांग्रेस नेताओं की गुजरात न्याय यात्रा एक-दूसरे के आमने-सामने आ गई।
सोशल मीडिया पर डाले वीडियो
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया कि कांग्रेस नेताओं ने भगवा रंग की टी-शर्ट पहने छात्रों का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। एफआईआर में चौहान के हवाले से कहा गया है कि देसाई ने उनसे कहा कि ‘छात्रों को आरएसएस नेता वीर सावरकर की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहनने के लिए कहना सही नहीं है।’ देसाई ने प्रिंसिपल से कहा, ‘क्या आपको छात्रों से उस वीर सावरकर की टी-शर्ट पहनने के लिए कहने में शर्म नहीं आती जो महात्मा गांधी की हत्या की साजिश का हिस्सा थे? अगर कल मैं आपको नाथूराम गोडसे या किसी रंगाबिल्ला दाऊद की टी-शर्ट दूं तो क्या आप छात्रों से कहेंगे कि वे नाथूराम गोडसे या किसी रंगाबिल्ला दाऊद की टी-शर्ट पहनें? उन्हें (छात्रों को) वीर सावरकर की टी-शर्ट पहनने के लिए कहकर स्वतंत्रता का अपमान न करें।’
अपनी शिकायत में चौहान ने कहा कि कुछ कांग्रेस नेताओं ने उनसे और टीचर्स से छात्रों को अपनी टी-शर्ट उतारने का निर्देश देने को कहा। सावरकर और आजाद को स्वतंत्रता सेनानी बताते हुए प्रिंसिपल ने कहा कि ये टी-शर्ट मुंबई के इंदुमती वसंतलाल चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से स्कूल को गिफ्ट के तौर पर दी गई थी। चौहान ने अपनी शिकायत में कहा, ‘लालजीभाई अच्छी तरह से जानते हैं कि इस तरह की बातें समाज के विभिन्न वर्गों और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर सकती हैं।’