नई दिल्ली: कोलकाता के महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना पर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि कानून जरूर बनाए गए हैं लेकिन उनपर अमल नहीं किया जा रहा है। 2020 के साथ बहुत सारी ऐसी घटनाएं हुईं लेकिन न्याय नहीं मिल पाया। ऐसे में अगर दोषी छूट जाते हैं तो समाज में महिलाएं सुरक्षित नहीं हो पाएंगी।
आशा देवी ने कहा, ’12-13 साल हो गए, बहुत कुछ ठीक हुआ है और बदला है। हमें नहीं लगता है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई काम हुआ है। कानून जरूर बनाए गए हैं। फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए गए लेकिन उसपर काम नहीं हुआ। 2020 में निर्भया के दोषियों को सजा हुई। लेकिन उससे पहले और उसके बाद भी इतनी सारी घटनाएं हुईं…किसको न्याय मिला? घटनाएं रोज़ हो रही हैं…अगर आप दोषियों को सज़ा नहीं देंगे और उन्हें जेल में नहीं डालेंगे… तो महिलाएं कैसे सुरक्षित रहेंगी? जब तक दोषियों को सज़ा नहीं मिलेगी, जब तक फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में काम नहीं होगा और जब तक बनाए गए कानूनों पर काम नहीं होगा, तब तक समाज की मानसिकता नहीं बदलेगी और महिलाएँ सुरक्षित नहीं होंगी”
बता दें कि 12 साल पहले राजधानी दिल्ली में आशा देवी की बेटी ‘निर्भया’ दरिंदगी का शिकार हुई थी। 16 दिसंबर की उस घटना ने पूरे देश को झकछोर दिया था। निर्भया के 6 में से चार दोषियों को फांसी दी गई वहीं एक ने तिहाड़ जेल में ही आत्महत्या कर ली थी। पैरामेडिकल छात्रा के साथ चलती बस में 6 लोगों ने गैंगरेप किया था और इसके बाद निर्भया की मौत हो गई थी। सात साल की कानूनी लड़ाई के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाया गया। वहीं एक नाबालिग आरोपी बच गया था।
कोलकाता के आरजी कार मेडिकल कॉलेज के सेमीनार हॉल में महिला डॉक्टर के साथ रेप किया गया और हत्या कर दी गई। इसके बाद मेडिकल कॉलेज पर भीड़ का हमला होता है और आरोप है कि सबूतों को मिटाने की कोशिश की गई। इन घटनाओं से बंगाल सरकार भी सवालों के घेरे में है। वहीं इस मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है जिसने अपना जुर्म भी कबूल किया है।