ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार कुंडली में दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें और दसवें भाव में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति बनने पर पितृ दोष लग जाता है। सूर्य के तुला राशि में रहने पर या राहु या शनि के साथ युति होने पर पितृ दोष का प्रभाव बढ़ जाता है। इसके साथ ही लग्नेश का छठे, आठवें, बारहवें भाव में होने और लग्न में राहु के होने पर भी पितृ दोष लगता है। पितृ दोष की वजह से व्यक्ति का जीवन परेशानियों से भर जाता है। पितृ दोषों से मुक्ति के लिए व्यक्ति को रोजाना नियम से हनुमान जी की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। हनुमान जी की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है। आगे पढ़ें हनुमान जी को प्रसन्न करने के उपाय…
हनुमान चालीसा का पाठ
- हनुमान चालीसा का पाठ रोजाना करना चाहिए। एक से अधिक बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सभी तरह की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए रोजाना नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें।
बजरंग बाण का पाठ
- बजरंग बाण का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सभी तरह के दुख- दर्द, भय को दूर करने के लिए बजरंग बाण का पाठ जरूर करें।
भगवान राम और माता सीता के नाम का संकीर्तन करें
- हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे आसान और सरल उपाय है भगवान राम और माता सीता के नाम का संकीर्तन। जहां भगवान राम का संकीर्तन होता है, वहां हनुमान जी उपस्थित रहते हैं। राम नाम का संकीर्तन करने से जीवन के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हनुमान जी को भोग लगाएं
- हनुमान जी को भोग अवश्य लगाएं। हनुमान जी को बूदी या लड्डूओं का भोग लगाएं। आप हनुमान जी को अपनी मनपसंद सात्विक चीजों का भोग भी लगा सकते हैं। हनुमान जी को भोग लगाने के बाद प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों में बांट दें।