नई दिल्ली: किसानों के लिए एक सकारात्मक खबर है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के तहत कर्ज की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय मिलकर इस दिशा में काम कर रहे हैं।
वित्तीय सेवा विभाग के अतिरिक्त सचिव एमपी तंगिराला ने हाल ही में कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड कर्ज की सीमा को बढ़ाने पर विचार चल रहा है, जो पिछले तीन-चार सालों में तय की गई थी। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना 1998 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य किसानों को उनके कृषि कार्यों के लिए समय पर और पर्याप्त ऋण प्रदान करना है। इस योजना के तहत अधिकतम 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता है, जबकि वर्तमान में केसीसी खातों में बकाया लोन 9.81 लाख करोड़ रुपये है। केंद्र सरकार इस योजना के तहत किसानों को 2% ब्याज छूट और 3% त्वरित पुनर्भुगतान प्रोत्साहन देती है, जिससे ब्याज दर प्रभावी रूप से 4% प्रति वर्ष रह जाती है।
केसीसी योजना का उद्देश्य किसानों को बैंकिंग प्रणाली से समय पर और पर्याप्त ऋण सहायता प्रदान करना है। यह योजना मुख्यतः फसल की खेती के लिए शॉर्ट टर्म लोन, कटाई के बाद के खर्चों, और किसान परिवारों की उपभोग आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करती है।
पिछले महीने, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से प्राप्त शॉर्ट टर्म लोन के लिए संशोधित ब्याज अनुदान योजना (MISS) के विस्तार की घोषणा की थी। इसके तहत, अब पात्र किसान रियायती ब्याज दरों पर 3 लाख रुपये तक के ऋण प्राप्त कर सकते हैं।