गाजियाबाद: डासना में देवी मंदिर पर भीड़ षड्यंत्र के तहत पहुंची थी। इसमें पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक तरफ डासना थाने में पीस कमेटी की बैठक की गई, जिसमें बुजुर्गों को भेजा गया। दूसरी तरफ नौजवानों को मंदिर पर जाने के लिए कहा गया। इस तथ्य के सामने आने के बाद जांच एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं।
3 अक्टूबर को यति नरसिंहानंद और 4 अक्टूबर को यति नरसिंहानंद के शिष्य और छोटा यति के नाम से चर्चित अनिल यादव का वीडियो सामने आने पर समुदाय विशेष के लोगों में आक्रोश हो गया और वह 4 अक्टूबर की रात डासना देवी मंदिर के लिए चल दिए। पुलिस ने रोका तो भीड़ ने पथराव कर दिया और नारे लगाए।
शुरुआत में यति और अनिल यादव के बयान पर महज प्रतिक्रिया माना जा रहा था, लेकिन खुफिया जांच में मंदिर पर पथराव की साजिश रचने की बात सामने आई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ लोगों ने डासना देवी मंदिर पर जाने की साजिश रची थी। पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए वेव सिटी थाने में पीस कमेटी की बैठक आयोजित की गई, लेकिन इस बैठक में सिर्फ बुजुर्गों को भेजा गया। वहीं, दूसरी तरफ नौजवानों को मंदिर की तरफ कूच कर दिया गया।
मंदिर की सुरक्षा बढ़ाई
मंदिर पर पुलिस-पीएसी का कड़ा पहरा है। पूर्व में करीब 35 पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात रहते थे, जिसे बढ़ाकर अब दोगुना कर दिया गया है। एडिशनल सीपी दिनेश कुमार पी. ने बताया कि मंदिर पर आने वाले व्यक्ति के बारे में पुलिस पूरी तहकीकात करेगी, इसके बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। एडिशनल सीपी दिनेश कुमार पी ने कहा कि साजिश के तहत डासना देवी मंदिर पर भीड़ पहुंचने का इनपुट मिला है। सभी पहलुओं पर जांच की जा रही। जो भी षडॺंत्र में शामिल मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अब तक 16 केस दर्ज, 16 आरोपी गिरफ्तार
यति नरसिंहानंद गिरि द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है। पुलिस ने तीन अक्तूबर से सोमवार देर शाम तक कुल 16 मुकदमे दर्ज किए। इसके अलावा कुल 16 आरोपियों को जेल भेजा है। इनमें नाबालिग समेत 11 आरोपी डासना देवी मंदिर के बाहर पथराव करने की घटना में वेव सिटी पुलिस द्वारा जेल भेजे गए हैं, जबकि नगर कोतवाली पुलिस ने पूर्व बसपा नेता समेत पांच लोगों को जेल भेजा है।