हेल्दी रहने के लिए कुछ सुपरफूड्स हैं जो विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। स्प्राउट्स को सुपरफूड्स माना जाता है। इसमे विटामिन, कैल्शियम से लेकर सारे जरूरी मिनरल्स आसानी से मिल जाते हैं। लेकिन अगर आप हमेशा कच्चा स्प्राउट्स खाना पसंद करते हैं तो जान लें। सर्दियों के मौसम में कच्चा स्प्राउट्स आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर सकता है। जानें कच्चे स्प्राउट्स को खाने पर होने वाले नुकसान।
स्प्राउट्स में हो सकते हैं हार्मफुल बैक्टीरिया
चना, मूंग, मूंगफली किसी भी अनाज को जब अंकुरित करके खाते हैं तो उसके फायदे होने के साथ ही कुछ नुकसान भी होते हैं। कई बार इन अंकुरित अनाज में हार्मफुल बैक्टीरिया पनपना शुरू कर देते हैं। आमतौर पर जब लोग इसे कच्चा ही खाते हैं तो ये हार्मफुल बैक्टीरिया पेट में पहुंच जाते हैं। दरअसल, गर्म, नमी वाले माहौल में इसमे ई कोलाई और सल्मोनेला जैसे हार्मफुल बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। सर्दियों में गर्मी और नमी नहीं होती ऐसे में अंकुरित होने के लिए अनाज को कई दिनों तक रखना पड़ता है। जिसकी वजह से इसमे नमी और गर्माहट आती है और बैक्टीरिया पनपने लगते हैं।
पचने में दिक्कत
आयुर्वेद में भी कच्चे स्प्राउट्स को खाना सर्दियों में नुकसानदेह माना गया है। सर्दियों में पेट की अग्नि मंद पड़ जाती है। जिसकी वजह से कच्चे स्प्राउट्स को पचाने में समय लगता है। जिससे गैस, एसिडिटी, ब्लॉटिंग और डायरिया जैसी समस्या हो सकती है।
ठंड में बन सकता है कफ और जुकाम का कारण
आयुर्वेद में हर चीज की अपनी प्रकृति होती है। कच्चे स्प्राउट्स को ठंडी प्रकृति का माना जाता है। जब इसे कच्चा ही खाते हैं तो इससे शरीर में कफ बढ़ने का खतरा रहता है। जिससे ना केवल जुकाम हो जाता है बल्कि गैस भी बनना शुरू हो जाती है।
स्प्राउट्स से बनेगी गैस
स्प्राउट्स में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। सर्दियों में ठीक से डाइजेस्ट ना होने की वजह से आंतों में स्प्राउट्स बिना पचे ही पड़ा रह जाता है और फर्मेंट होकर गैस बनाता है। जो काफी डिसकंफर्ट वाली फीलिंग होती है और बार-बार फार्ट की प्रॉब्लम को बढ़ा देता है।
इसलिए स्प्राउट्स के पूरे न्यूट्रिएंट्स के फायदे चाहिए तो हल्का पकाकर खाना फायदेमंद होता है।