डेस्क:यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद के दोबारा सर्वे को लेकर रविवार की सुबह हुए बवाल में एक शख्स की मौत हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार एक गली में से भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर दी। इस दौरान एक अज्ञात की गोली लगने से मौत हो गई। जबकि डिप्टी कलेक्टर, एसपी के पीआरओ और सिपाही घायल हो गए। पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़ते हुए भीड़ को दौड़ा लिया। गुस्साई भीड़ ने मस्जिद के बाहर खड़ी कारों और बाइकों में आग लगा दी, जिससे कई गाड़ियां जल गईं। हालात को देखते हुए जिले के सभी बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। डीआईजी ने भी मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
सदर शाही जामा मस्जिद पर एक बार फिर हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया। कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी ने सिविल न्यायालय में वाद दायर किया था। 19 नवंबर को सर्वे किया गया था, उस दिन भी भीड़ आक्रोशित थी लेकिन पुलिस प्रशासन ने हालात संभाल लिए थे। रविवार सुबह को कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव के साथ डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया व एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई के साथ टीम सर्वे करने के लिए पहुंची। पुलिस ने मस्जिद के बाहर सभी रास्तों पर बैरियर लगाकर पूरे क्षेत्र को सील कर दिया लेकिन कुछ देर में ही भीड़ जुट गई। चंद मिनटों में ही हजारों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने भीड़ को समझाने का प्रयास किया लेकिन एक गली में से आई भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग किया। इस दौरान गोली लगने से एक अज्ञात की मौत हो गई जबकि डीप्टी कलेक्टर रमेश बाबू, एसपी के पीआरओ संजीव kumar और सिपाही आशीष वर्मा घायल हो गए । पुलिस ने भीड़ को पीछे हटाने के लिए लाठी चार्ज की और आंसू गैस के गोले छोड़े। भीड़ पीछे हटती लेकिन फिर से आगे बढ़ जाती।
बाजार हुआ बंद
संभल। गुस्साई भीड़ ने मस्जिद के बाहर खड़ी कार और बाइकों को फूंक दिया। बवाल की सूचना पर डीआईजी संभल पहुंचे और जामा मस्जिद पहुंचकर एसपी से हालातों के बारे में जानकारी ली। टीम ने कड़ी सुरक्षा में सर्वे किया और दो घंटे बाद बाहर निकल गई। सर्वे के बाद भी शहर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। संभल में बवाल के बाद अधिकांश क्षेत्रों में बाजार बंद है।
मायावती ने सरकार और सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने की मांग की
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि यूपी के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद को लेकर अचानक विवाद, सुनवाई और फिर उसके फौरन ही बाद आपाधापी में सर्वे की खबरें राष्ट्रीय चर्चा व मीडिया की सुर्खियों में है, किन्तु इस प्रकार से सदभाव व माहौल को बिगाड़ने का संज्ञान सरकार तथा मा. सुप्रीम कोर्ट को भी जरूर लेना चाहिए।