डेस्क:अमृतसर में अजनाला थाने के बाहर इम्प्रोवाइज एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) मिलने से सनसनी फैल गई। पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया और बम निरोधक दस्ते ने मोर्चा संभाला। इसके बाद बम निरोधक दस्ते ने जांच के बाद बम को अपने कब्जे में ले लिया है और उसे सुरक्षित अपने साथ ले गया। पुलिस ने थाने के आसपास तलाशी शुरू कर दी है। साथ ही यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि थाने के बाहर बम आखिर किसने और क्यों रखा है। वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। खास बात ये है कि फरवरी 2023 में खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों के साथ साथी को छुड़ाने के लिए हमला किया था।
आज सुबह 7 बजे जब थाने से एक कर्मी बाहर निकला तो उसकी नजर बाउल पर पड़ी, जिसे खाकी रंग की टेप लगाकर बंद किया हुआ था। बाउल के अंदर से कुछ तार बाहर निकले हुए थे। पुलिसकर्मी ने इसकी सूचना आला अधिकारियों को दी तो महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस ने विस्फोटक को रेत की बोरियों में भरकर ढ़क दिया और तुरंत बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया गया। जांच के बाद पता चला कि यह आईईडी बम ही है। बम निरोधक दस्ते ने बम को अपने कब्जे में ले लिया और उसे सुरक्षित अपने साथ ले गया। अभी तक की जांच में पता चला है कि रात के अंधेरे में यह बम यहां रखा गया था।
थाने के ठीक सामने है आर्मी और बीएसएफ का कैंप
अजनाला थाने के ठीक सामने आर्मी और बीएसएफ का कैंप होने करके मामला अधिक गंभीर हो गया है। अगर बम फट जाता तो बड़े पैमाने पर तबाही होनी थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस जांच कर रही है। इस वारदात ने सुरक्षा एजेंसियों की भी नींद उड़ा दी है। साल 2023 में इस थाने में हंगामा हो चुका है। इसलिए आशंका जताई जा रही है कि यह थाने को उड़ाने की साजिश थी जो नाकाम हो गई है। फरवरी 2023 में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने अपने सहयोगी लवप्रीत तूफान की रिहाई के लिए अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने तलवारों, लाठियां और हथियारों का इस्तेमाल करते हुए पुलिस बैरिकेड तोड़े और पुलिस स्टेशन पर कब्जा कर लिया था।