डेस्क:पेपर लीक की आशंका के बीच सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की परीक्षा रद्द कर दी गई है। जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है। उन्होने कहा कि सत्ता संरक्षित पेपर लीक माफिया ने फिर बिहार में लीक का बड़ा कारनामा किया है। बिहार में कोई भी ऐसी परीक्षा नहीं हो रही जिसमें BJP-JDU की घालमेल वाली सत्ता प्रायोजित धांधली नहीं हो रही है।
तेजस्वी यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (CHO) की हुई ऑनलाइन परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के बाद इसे रद्द करना पड़ा। गड़बड़ी सबके सामने आ गई तो मजबूरी में यह सरकार उसे रद्द करती है अन्यथा परीक्षा को साफ-सुथरा करार दे परीक्षा माफिया से हुई कमाई का बंदरबांट कर लिया जाता है। क्या यह सत्य नहीं है कि सभी परीक्षाओं के पेपर लीक माफ़िया के कर्ता-धर्ता प्रदेश के मुखिया के गृह जिले से ही संबंध रखते है?
जब तक नीतीश-भाजपा सरकार है, कोई भी परीक्षा कदाचार मुक्त हो ही नहीं सकती है क्योंकि परीक्षा माफिया के सदस्य हर बार सरकार के ही क़रीबी निकलते हैं। क्या आपने कभी मुख्यमंत्री को किसी भी पेपरलीक पर बोलते सुना है? पेपरलीक सह परीक्षा माफिया पर उनकी चुप्पी में ही लीक का रहस्य छुपा है? यह संयोग तो नहीं हो सकता है कि सभी परीक्षाओं एवं पेपर लीक के तार हमेशा एक विशेष जिले से ही जुड़े रहते है?
आपको बता दें बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को कई ऑनलाइन एग्जाम सेंटर्स पर धांधली की जानकारी मिली थी। ईओयू ने गड़बड़ी करने के आरोप में शाइन टेक प्राइवेट लिमिटेड के लोगों, ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों के प्रमुखों, ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों के आईटी प्रबंधकों, परीक्षा समन्वयकों और आईटी सहायक कर्मचारियों सहित 37 लोगों को हिरासत में लिया है। सीएचओ के 4500 पदों के लिए दो दिवसीय ऑनलाइन कंप्यूटर-आधारित परीक्षा का आयोजन हुआ था।