फतेहपुर:फतेहपुर में रेलवे विभाग से रिटायर हुए अब्दुल जमील अब श्रवण कुमार के नाम से जाने जाएंगे। अब्दुल ने गुरुवार को हिन्दू धर्म अपना लिया। शहर के पटेल नगर स्थित हनुमान मंदिर में उन्होंने आचार्यो के मौजूदगी और मंत्रोच्चारण के बीच विधि विधान से दीक्षा ग्रहण की। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनकी हमेशा से सनातन धर्म में आस्था रही है। हमारे पूर्वज भी राजपूत थे। हालांकि मजीद को अपने स्वजनों के विरोध का सामना भी करना पड़ा।
अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के प्रांतीय महामंत्री मनोज त्रिवेदी ने बताया कि 65 वर्षीय अब्दुल जमील ने फतेहपुर में रेलवे में मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक के रूप में नौकरी की। अब सेवानिवृत्त हो गए हैं। यह हाथरस, सादाबाद के मूल निवासी हैं। वर्तमान में यह शहर के देवीगंज में रह रहे हैं।
इन्होंने सनातन धर्म अपनाने की बात कही तो हनुमान मंदिर में पूजा पाठ के साथ आचार्य पंडित राम लला मिश्रा ने इन्हें दीक्षा दिलाई। अब इनका नाम श्रवण कुमार हो गया है। अब्दुल जमील ने बताया कि उनकी तीन बेटियां एवं एक बेटा है। सनातन धर्म अपनाने की बात पर परिजनों ने काफी विरोध किया लेकिन सनातन धर्म से प्रेरित होकर उन्होंने हिन्दू धर्म अपनाया है।
घर वापसी करने वालों का स्वागतः यज्ञ हवन के बाद एक गोष्ठी भी संपन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ चंद्र कुमार पांडेय ने की। हिंदू महासभा के प्रदेश महामंत्री मनोज त्रिवेदी ने कहा कि विश्व का सबसे प्राचीन धर्म सनातन धर्म अर्थात हिंदू धर्म ही है। यह आदि अनादि होने के साथ दया भाव से पूर्ण है।
कहा कि जो इस तरह से और भी लोग सनातन धर्म में घर वापसी करना चाहते हैं, उनको भी हम इसी तरह शामिल करेंगे। उनकी सुरक्षा व सम्मान का सदैव ध्यान रखा जाएगा। कार्यक्रम में समाजसेवी अशोक सिंह तपस्वी, जिला अध्यक्ष रामगोपाल शुक्ला, स्वामी राम आसरे आर्य, करण सिंह पटेल, शशिकांत मिश्रा, डॉक्टर प्रमोद पांडेय, आदित्य शुक्ला, प्रकाश मिश्रा, शिवाकांत तिवारी आदि लोग गवाह बने।
एसडीएम को दी गई सूचनाः घर वापसी के लिए धर्म परिवर्तन करने को लेकर गुरुवार की सुबह कलेक्ट्रेट में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिलाष चंद त्रिवेदी की नेतृत्व में प्रार्थना पत्र समेत अन्य जरुरी कागजात अतिरिक्त उप जिला अधिकारी प्रभाकर त्रिपाठी को सौंपे गए। जिसमें बताया गया कि वह अपनी स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करके खुद की जिंदगी अपने तरीके से जीना चाहते हैं।
10 वर्षो से मान रहे सनातन धर्मः अब्दुल जमील ने बताया कि हमारे पूर्वज राजपूत थे। उनके पिता अब्दुल हामिद बेग को कुछ लोगों ने जमीन जायदाद, अपने धर्म की खूबसूरत महिला से शादी आदि का लालच देकर धर्म परिवर्तन करा दिया था। तब से परिवार के लोग मुस्लिम धर्म को मान रहे थे। लेकिन मेरी हमेशा से सनातन धर्म में निष्ठा रही। बीते 10 वर्षो से हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार अपना जीवन यापन करता आ रहा हूं। अब घर वापसी से संतुष्टि मिली है।