जयपुर:राजस्थान में परिवहन विभाग के एक आदेश से विवाद खड़ हो गया है। परिवहन विभाग ने वाहनों की नंबर प्लेट पर प्रधान, सरपंच और गुर्जर आदि लिखा होने पर कार्यवाही जारी करने का आदेश जारी किया था। जिले लेकर विवाद खड़ हो गया है। गुर्जर समाज के विरोध के बाद गहलोत सरकार बैकफुट पर आ गई। परिवहन विभाग ने संशोधित आदेश जारी कर दिया। संशोधित आदेश में जातिसूचक शब्द हटा दिया। जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल करने पर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के विरोध के बाद परिवहन विभाग ने संशोधित आदेश जारी कर दिया है। गहलोत सरकार ने अतिरिक्त आयुक्त परिवर्तन परिवहन आकाश तोमर को निलंबित कर दिया है।
गुर्जर नेताओं ने जताया एतराज
गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने ट्वीट कर लिखा- परिवहन विभाग के आदेश में सिर्फ गुर्जर जाति का उल्लेख किया गया है। यह निंदनीय है। गुर्जर समाज को टारगेट किया है। मुख्यमंत्री की तरफ ध्यान आकर्षित करने पर संशोधित आदेश जारी किया गया है। जिसमें गुर्जर शब्द का उल्लेख नहीं है। यह सराहनीय निर्णय है। कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर ने भी ट्वीट कर लिखा- इस तरह का पत्र निकालना और उसमें सिर्फ गुर्जर जाति का उल्लेख करना कतई शोभनीय नहीं देता। इस तरह के पत्र के प्रति सीएम गहलोत और परिवहन मंत्री की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए इस आदेश को परिवर्तित कराने का आग्रह करता हूं।
यह था परिवहन विभाग का आदेश
उल्लेखनीय है कि आज परिवहन विभाग के अपर परिवहन आयुक्त आकाश तोमर के हस्ताक्षर से जारी आदेश में सभी जिला परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वाहनों की नंबर प्लेट पर प्रधान, सरपंच और गुर्जर आदि लिखा होने पर कार्यवाही की जाएगी। केंद्रीय मोटरयान नियम 1990 के नियम में रजिस्ट्रेशन चिन्ह को वाहन पर प्रदर्शित करने के लिए प्रावधान किए गए है। इन प्रावधानों का उल्लंघन मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 192 (1) के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। अत: इस प्रकार के वाहनों की जांच करें एवं नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर के अतिरिक्त कुछ लिखा हो तो सख्त कार्यवाही की जाए और तथ्यात्मक रिपोर्ट 7 दिन के भीतर मुख्यालय को भिजवाया जाए। इस आदेश पर विवाद खड़ा हो गया। गुर्जर समाज के नेताओं ने विरोध दर्ज कराया। मामला सीएम गहलोत के संज्ञान में लाया गया। इसके बाद परिवहन विभाग ने संशोधित आदेश जारी किए। तब जाकर विवाद शांत हुआ।