डेस्क:सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) अगले एक या दो साल में आईपीओ लॉन्च करने वाली है। इस आईपीओ के जरिए कंपनी की शेयर बाजार में लिस्टिंग होगी। इस पहल का मकसद देश में रिन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी को बढ़ाना है।
क्या कहा SECI के चेयरमैन ने
SECI के चेयरमैन और एमडी आर पी गुप्ता ने कहा कि 500 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) के लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है और यह हासिल किया जाएगा। भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी हासिल करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि लेकिन हमें 2030 से आगे के बारे में सोचना होगा। साल 2047 तक बिजली की मांग 2,000 गीगावाट होगी।
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी
भारत में 207 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी है और 500 गीगावाट का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए 2030 तक प्रतिवर्ष कम से कम 50 गीगावाट क्षमता जोड़ने की आवश्यकता है। गुप्ता ने कहा कि हम अगले एक या दो साल में सूचीबद्ध होना चाहेंगे। इस साल मई में देश की अधिकतम बिजली मांग लगभग 250 गीगावाट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है। SECI के चेयरमैन आर पी गुप्ता के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के अंत तक 500 मेगावाट सौर तापीय क्षमता के लिए निविदा जारी की जा सकती है।
क्यों है जरूरी लिस्टिंग
SECI का शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होना इसलिए भी अहम है क्योंकि यह रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए निविदा जारी करने हेतु नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की नोडल एजेंसी है। गुप्ता ने कहा कि SECI रिन्यूएबल सेक्टर में विस्तार के लिए अन्य देशों की सहायता भी करेगी। हाल ही में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने SECI को भी नवरत्न का दर्जा दिया है। इसके अलावा सरकार ने एनएचपीसी और एसजेवीएन को नवरत्न का दर्जा दे दिया है।