डेस्क:दिल्ली में चुनावी मौसम के बीच नित नए नए मुद्दों को लेकर सियासी वार पलटवार देखे जा रहे हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को एलजी वीके सक्सेना को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी धार्मिक स्थल को नहीं तोड़ने की गुजारिश की थी। अब इस पत्र का एलजी ने जवाब देते हुए कहा है कि ऐसी कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके साथ ही एलजी ने आतिशी पर केजरीवाल की तरह ओछी सियासत करने का आरोप लगाया है।
कोई मंदिर नहीं तोड़ा जा रहा
दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना के सचिवालय ने पूजा स्थलों को तोड़े जाने के आरोप का खंडन किया है। एलजी सचिवालय ने कहा है कि न तो कोई मंदिर, मस्जिद, चर्चा या अन्य पूजा स्थलों को तोड़ा या ध्वस्त किया जा रहा है और न ही इस आशय की कोई फाइल आई है।
घटिया राजनीति करने का आरोप
एलजी सचिवालय ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी और अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री की विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए घटिया राजनीति कर रही हैं। उप राज्यपाल की ओर से पुलिस को उन ताकतों के खिलाफ अतिरिक्त निगरानी रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं जो राजनीतिक लाभ के लिए जानबूझकर इस तरह की हरकतें कर सकते हैं।
निर्देशों का सख्ती से किया जा रहा पालन
उप राज्यपाल के निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। हाल ही में बीते क्रिमस समारोह के दौरान भी किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं देखी गई।
एक तीन पहले भी देखी गई थी तकरार
गौर करने वाली बात यह कि एक दिन पहले भी आतिशी और एलजी के बीच तीखी सियासी तकरार देखने को मिली थी। सोमवार को उपराज्यपाल ने एक पत्र में अरविंद केजरीवाल द्वारा आतिशी को अस्थायी मुख्यमंत्री कहे जाने पर आपत्ति जताई थी। एलजी ने अपने लेटर में कहा था कि मुझे यह बहुत आपत्तिजनक लगा और मैं इससे आहत हुआ। यह न केवल आपका अपमान है, वरन राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में मेरा भी अपमान है।