डेस्क:अगस्त महीने के खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आंकड़ों के अनुसार अगस्त में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति 3.65% थी। यह भारतीय रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के लक्ष्य के दायरे में है। बता दें कि सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।
शहरी मुद्रास्फीति में गिरावट
अगस्त 2024 में शहरी मुद्रास्फीति गिरकर 3.14% हो गई, जबकि अगस्त 2023 में यह 6.59% थी। अगस्त 2024 में ग्रामीण मुद्रास्फीति गिरकर 4.16% हो गई, जबकि अगस्त 2023 में यह 7.02% थी। अगस्त 2024 में शहरी खाद्य मुद्रास्फीति गिरकर 4.99% हो गई, जबकि अगस्त 2023 में यह 10.42% थी। वहीं, ग्रामीण खाद्य मुद्रास्फीति गिरकर 6.02% हो गई, जबकि अगस्त 2023 में यह 9.67% थी। कपड़े, जूते और आवास क्षेत्रों के लिए मुद्रास्फीति दर क्रमशः 2.72% और 2.66% थी।
उत्पादन के ग्रोथ में सुस्ती
इस साल जुलाई में माइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन की वजह से देश की औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सुस्त पड़कर 4.8 प्रतिशत पर आ गई। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापा जाने वाला कारखाना उत्पादन जुलाई, 2023 में 6.2 प्रतिशत बढ़ा था। इस साल जुलाई में देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 4.8 प्रतिशत बढ़ा था। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन जुलाई में 4.6 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 5.3 प्रतिशत बढ़ा था।
खनन क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई, 2024 में 3.7 प्रतिशत रही जबकि बिजली उत्पादन में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) में देश का औद्योगिक उत्पादन 5.2 प्रतिशत की दर से बढ़ा है जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 5.1 प्रतिशत बढ़ा था।