भारतीय रसोई में कई तरह के मसालों का इस्तेमाल होता है। उन्हीं में से एक है, जायफल। भारत के साथ-साथ पश्चिमी खानपान में भी इसका इस्तेमाल खाने में खुशबू और एक अलग तरह के स्वाद को शामिल करने के लिए किया जाता है। अंग्रेजी भाषा में जायफल को नटमेग के नाम से जाना जाता है। आमतौर पर हम इस मसाले का इस्तेमाल कम करते हैं, लेकिन इसके फायदे अनेक हैं।
यह एक ऐसा मसाला है, जिसका स्वाद गर्म, मीठा और थोड़ा अखरोट जैसा होता है। यह एक प्रकार के वृक्ष से पाया जाता है। वृक्ष पर सफेद रंग के छोटे-छोटे घंटी जैसे आकार के फूल खिलते हैं, जिसके भीतर एक बीज पाया जाता है, जिसे जायफल कहा जाता है। इस बीज की गिरी पर मांसल त्वचा जैसा एक आवरण होता है, जिसे जावित्री के नाम से जाना जाता है। यानी एक ही पेड़ से जायफल और जावित्री दोनों मिलते हैं। यह आकार में एक साबुत सुपाड़ी की तरह दिखता है। दोनों के गुण करीब- करीब समान हैं, पर हम आज यहां जायफल की बात कर रहे हैं। खाना बनाने में जायफल का इस्तेमाल ही काफी नहीं है, बल्कि अच्छे जायफल की पहचान होना भी जरूरी है।
बाजार में जायफल कई प्रकार के मिलते हैं। जायफल खरीदते वक्त उन्हें हाथ में लेकर देखें कि वे हल्के और खोखले न हों। वही जायफल खरीदना चाहिए जो बड़े, चिकने व भारी हों। जायफल का इस्तेमाल आमतौर पर मीठे और नमकीन दोनों तरह के व्यंजनों में किया जाता है। बाजार में जायफल का तेल भी मिलता है, जिसका इस्तेमाल जोड़ों के दर्द आदि में अच्छा रहता है। यह एक सुगंधित और स्वादिष्ट मसाला है, जिसका इस्तेमाल सिर्फ भोजन में ही नहीं बल्कि कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में भी किया जाता है।
यों करें इस्तेमाल
1 जायफल का इस्तेमाल तीन तरीके से करती हूं, पहला इसको मिक्सी में पीसकर पाउडर बनाकर, दूसरा कद्दूकस करके तुरंत किसी डिश में डालने के लिए और तीसरा घिसकर।
2 जब भी सूप बनाती हूं, विशेषकर कद्दू का सूप तो उसमें जायफल को कद्दूकस करके जरूर डालती हूं। यह सूप को हल्की मिठास देता है।
3 चाय मसाला तैयार करते वक्त मैं लौंग, इलायची और काली मिर्च आदि के साथ जायफल को भी पीसती हूं। इसके अलावा गरम मसाले का पाउडर बनाते समय भी अन्य मसाले के साथ इसको भी पीस लेती हूं।
4 जायफल का अतिरिक्त स्वाद पाने के लिए सेब आदि फलों पर, चाट मसाले के साथ चुटकीभर जायफल पाउडर भी बुरक देती हूं। स्वाद और सेहत दोनों ही बरकरार रहते हैं।
5 सर्दियों में फूलगोभी और शकरकंदी की सब्जी बनाते समय जब सब्जी पक जाए, तब चुटकीभर जायफल का पाउडर बुरक कर एक मिनट बाद गैस बंद कर देती हूं ताकि जायफल की खुशबू सब्जी में समा जाए।
6 खीर, र्पुंडग, स्मूदी आदि बनाते समय चुटकीभर जायफल पाउडर डालने से स्वाद बढ़ जाता है। पास्ता, नूडल्स आदि सभी को पसंद आते हैं, यदि उस पर जायफल बुरक दें तो स्वाद और निखर कर आता है।
7 खिचड़ी के ऊपर, दलिया के ऊपर चुटकीभर जायफल डाल देती हूं। पौष्टिकता तो बढ़ती ही है, साथ ही स्वाद भी बढ़ जाता है।
8 दालचीनी पाउडर को कॉफी, चाय, गरम दूध अथवा गरम चॉकलेट पर बुरक कर सर्व करती हूं।
सेहत से संबंध
1 यह दिमाग के लिए उद्दीपक के रूप में कार्य करता है और तनाव को कम करने में मदद करता है। यह दिमाग में खून के बहाव को बढ़ा देता है।
2 जायफल में एंटी-इन्फ्लामेट्री और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करते हैं। यह गैस, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में सहा
3 यह नींद में भी सुधार लाता है। जायफल का तेल दर्द और सूजन को कम करने में प्रयोग किया जाता है। इसके तेल को लगाने से मांसपेशियों के दर्द में भी राहत मिलती है।
4 जायफल को चावल के मांड में मिलाकर पीने से हिचकी और उल्टी मिटती है। बच्चों को जब जुकाम हो तो थोड़ा-सा जायफल घिसकर दूध के साथ चटाने से जुकाम में राहत मिलती है। दस्त आ रहे हों तो भी जायफल फायदेमंद रहता है। दूध में चुटकीभर जायफल डालकर पीने से थकावट ,नींद न आने की समस्या में भी आराम मिलता है।