जोधपुर:राजस्थान के जोधपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्र में अब तक हुए चुनाव में कांग्रेस का दबदबा रहा है। इस सीट से राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सर्वाधिक पांच बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। जोधपुर अशोक गहलोत का गृह नगर है। यहां अब तक हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने सर्वाधिक आठ बार जीत दर्ज की जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशियों ने पांच बार चुनाव जीता है।
पिछले चुनावों का हाल
पिछले दो चुनावों में भाजपा प्रत्याशी और केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने चुनाव जीता है। वह इस बार जीत की तिकड़ी बनाने के लिए फिर चुनाव मैदान में हैं। इस बार गजेंद्र सिंह शेखावत का मुकाबला कांग्रेस के करण सिंह उचियाड़ा से है, जबकि पिछले चुनाव में उन्होंने अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को करीब पौने तीन लाख मतों से चुनाव हराकर दूसरी बार संसद पहुंचे। इस बार वैभव गहलोत को जोधपुर से टिकट नहीं देकर उन्हें जालोर-सिरोही लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया जा रहा है।
2024 का समीकरण
इस साल हो रहे चुनावों में गजेंद्र सिंह शेखावत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम और केन्द्र सरकार की उपलब्धियों पर ही चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उचियाड़ा प्रदेश की पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की उपलब्धियों और कांग्रेस की नई पांच गारंटियो के साथ एक बार सेवा का मौका देने का लोगों से आग्रह कर रहे हैं। इस बार चुनाव में इन दो उम्मीदवारों के साथ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मंजू मेघवाल और अन्य दलों, निर्दलीयों सहित कुल पन्द्रह उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं। जोधपुर जिले की आठ विधानसभा सीटों में से सात पर भाजपा का कब्जा है, वहीं एकमात्र सरदापुरा सीट पर कांग्रेस के अशोक गहलोत ने जीत दर्ज की थी।
साल 1952 में अस्तित्व में आई इस लोकसभा सीट पर जसवंत राज मेहता निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में सांसद चुने गए थे। इसके बाद वह साल 1957 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने। साल 1962 के चुनाव में भी यहां से निर्दलीय प्रत्याशी ने बाजी मारी और लक्ष्मीमल सिंघवी सांसद चुने गए। इसके बाद साल 1967 में कांग्रेस के नरेंद्र कुमार तो 1971 में फिर निर्दलीय उम्मीदवार कृष्णा कुमारी ने जीत दर्ज की। 1977 के चुनाव में यहां से जनता पार्टी के टिकट पर रणछोड़ दास गट्टानी सांसद चुने गए।
1980 में कांग्रेस के टिकट पर अशोक गहलोत ने चुनाव लड़ा और वह 1980 और इसके बाद 1984 का लोकसभा चुनाव जीता। इसके बाद वह 1989 के चुनाव में भाजपा के जसवंत सिंह से चुनाव हार गए। इसके बाद 1991 में अशोक गहलोत ने फिर जीत दर्ज की और 1996 और 1998 का चुनाव जीता और जोधपुर से सर्वाधिक पांच बार जीत दर्ज करने वाले उम्मीदवार बन गए। इसके बाद वर्ष 1999 के चुनाव में भाजपा के जसवंत विश्नोई चुने गए और उन्होंने वर्ष 2004 में भी अपनी जीत कायम रखी। हालांकि 2009 में कांग्रेस की चंद्रेश कुमारी यहां से विजयी हुई। इसके बाद हुए दोनों चुनावों में भाजपा के गजेंद्र सिं शेखावत ने बाजी मारी।