नई दिल्ली:जर्मनी में पिछले दिनों रूस के समर्थन में एक प्रदर्शन हुआ था। अब उस प्रदर्शन में शामिल लोगों की जर्मन पुलिस को तलाश है। जर्मन पुलिस का खास ध्यान उन लोगों पर है, जो ‘Z’ निशान बनाकर रूस के यूक्रेन पर हमले का सार्वजनिक रूप से समर्थन कर रहे हैं। देश भर में ऐसे 140 से ज्यादा मामलों की जांच की जा रही है। जर्मनी के कई राज्यों में पुलिस ने यूक्रेन पर रूस के हमले का समर्थन संबंधी घटनाओं की जांच शुरू कर दी है। आरएनडी न्यूजपेपर ग्रुप ने इस बारे में खबर दी है। अखबार के मुताबिक पूरे जर्मनी में ऐसे करीब 140 मामलों पर जांच चालू हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर मामले Z निशान के इस्तेमाल से जुड़े हैं।
हाल ही में Z निशान और रूसी झंडे, जर्मनी में हुए प्रदर्शनों में दिखे हैं। Z प्रतीक को रूसी हमले से जोड़कर देखा जाता है, जब रूसी सेना यूक्रेन में घुसी थी तो उनके वाहनों पर यह निशान देख गए थे। जर्मनी के कई राज्यों ने इस निशान के इस्तेमाल को ‘रूसी हमले की अवैध मदद’ की श्रेणी में रखा है। सैक्सनी-अनहाल्ट प्रांत के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने कहा है, ‘रूसी हमले के इस प्रतीक को सार्वजनिक तौर पर दिखाना, जांच का आधार बन सकता है, अगर इसे रूसी हमले के समर्थन में पेश किया जाता है तो’ जर्मनी के सबसे ज्यादा आबादी वाले सूबे- नॉर्थ राइन वेस्टफालिया में रूसी समर्थन के 37 मामले जांच के दायरे में हैं।
इनमें से कम से कम 22 माामले Z से जुड़े हैं। इसी राज्य में मार्च के अंत में एक कार रैली भी कोलोन शहर से बॉन शहर तक आयोजित की गई थी, जो आखिर में सोवियत युद्ध से जुड़े एक स्थानीय कब्रिस्तान के पास खत्म हुई। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि कुछ जगह संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है, जिसके तार युद्ध से जुड़े हैं। जांच दल इन मामलों में Z निशान के इस्तेमाल की जांच भी कर रहा है।
रूसी झंडा लहराने वालों ने कहा है कि वे युद्ध का समर्थन नहीं कर रहे, बल्कि रूसी भाषा बोलने वालों के साथ जर्मनी में हो रहे भेदभाव के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। जर्मनी के उत्तरी राज्य हैंबर्ग में भी ऐसी कार्रवाई की जा रही है। दक्षिणी राज्य बवेरिया में न्याय मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि ऐसे मामलों की संख्या कितनी है, लेकिन यह साफ कर दिया कि प्रांत के सरकारी अभियोजक इस नाजायज जंग का समर्थन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। प्रांत के न्याय मंत्री गेयोर्ग आइसनराइष ने जर्मन संविधान से मिली राय रखने की आजादी का बचाव किया लेकिन सथ ही जोड़ा कि जर्मनी में हर कोई अपनी राय रख सकता है। लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वहीं खत्म हो जाती है, जहां से आपराध शुरू हो जाता है। हम अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ हो रहे अपराधों की माफी स्वीकार नहीं करेंगे।