जयपुर:राजस्थान में करौली हिंसा को लेकर गहलोत सरकार एक्शन के मोड पर आ गई है। सरकार ने फरार 4 दंगाइयों की संपत्ति कुर्क करने की अदालती कार्यवाही शुरू कर दी है। इनमें करौली नगर परिषद के पूर्व सभापति एवं जयपुर ग्रेटर नगर निगम मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर, हिंदू सेना के प्रदेश अध्यक्ष साहब सिंह गुर्जर, मतलूब अहमद और अंची शामिल है। पुलिस प्रशासन ने फरार चल रहे चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सख्त रवैया अपनाया है। उल्लेखनीय है कि करौली में 2 अप्रैल को नवसंवत्सर पर आयोजित बाइक रैली में पथराव के बाद हिंसा फैल गई थी। उपद्रव फैलाने वाले चार आरोपियों की गिरफ्तारी के पुलिस प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। अदालत से वारंट जारी होने के बाद चारों फरार आरोपियों की संपत्ति कुर्क की जाएगी।
करौली हिंसा में पुलिस ने अब तक 29 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस करौली हिंसा में पुलिस अब तक 41 एफआईआर दर्ज कर चुकी है। इनमें से एक एएफआईआर पुलिस की ओर से दर्ज हो चुकी है। जबकि शेष 40 दोनों पक्षों की ओर से दर्ज कराई गई है। पुलिस की पहली एफआईआर में 37 लोगों को नामजद किया गया था। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है। दो नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेजा गया है।
राजस्थान की गहलोत सरकार ने करौली हिंसा से कुल 64 पीड़ितों में 20 हिंदुओं को सहायता राशि देने जा रही है। सरकार कुल 1 करोड़ 20 लाख और 25 हजार रुपये की राशि राज्य की राज्य विधि से वितरित करेगी। कुल 20 हिंदुओं को ही सहायता राशि देने पर विवाद होना तय माना जा रहा है। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा गहलोत सरकार को एक बार फिर घेर सकती है। करौली जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश के अनुसार प्रकरण में वास्तविक पीड़ित का सत्यापन कर सहायता/ नुकसान राशि का भुगतान किया जाए। उल्लेखनीय है कि करौली जिले में हिंदू नव वर्ष पर एक बाइक रैली पर पथराव होने से दो समुदाय आमने-सामने हो गए थे। जिसके बाद राज्य राज्य सरकार ने करौली में कर्फ्यू लगा दिया था।