जयपुर:राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा यह आचार संहिता लगी हुई इस मौके पर धमकियां देना बड़ा अशोभनीय है। सचिन पायलट बोले, पेपरलीक जैसे गंभीर मुद्दे पर अगर हम जड़ तक पहुंचकर बड़े लोगों को एक्सपोज करते है तो उसका मैं हमेशा से स्वागत करता रहा हूं। लेकिन भाजपा सरकार को प्रतिशोध और बदले की भावना से काम नहीं करना चाहिए। सचिन पायलट बुधवार को बाड़मेर में सुबह मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के लिए कहा कि एक जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसा नहीं करना चाहिए। आज कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल की नामांकन सभा व रैली में सचिन पायलट भी शामिल हुए।
मैं अब पीछे मुड़कर देख सकता हूं
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह पार्टी के लिए बेहतर था। मेरे राज्य के लिए बेहतर था और निश्चित रूप से मेरे लिए भी बेहतर था क्योंकि मैं अब पीछे मुड़कर देख सकता हूं और गर्व के साथ कह सकता हूं। मैंने कभी भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जो सार्वजनिक जीवन के एक व्यक्ति के लिए अशोभनीय हों। मैंने कभी भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जो अपमानजनक हो। क्योंकि बचपन से ही मुझे ये मूल्य सिखाए गए कि चाहे कैसी भी परिस्थिति हो। बड़ों का सम्मान करना चाहिए और मैंने इसे हमेशा बनाए रखा है।
‘वैभव गहलोत के लिए जरूर प्रचार करूंगा’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अशोक गहलोत के पुत्र वैभव के लिए प्रचार करेंगे, पायलट ने कहा, ‘मैं (वैभव गहलोत के लिए प्रचार करने के वास्ते) 100 प्रतिशत जाऊंगा। पिछली बार (2019 के चुनावों में) जब मैं राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष था, मैंने दिल्ली से उनके (वैभव गहलोत) टिकट के लिए प्रयास किया था, मैं उनके नामांकन के लिए गया था। वह उस बार चुनाव नहीं जीत सके लेकिन मैंने उनके लिए प्रचार किया था. इस बार वह दूसरी सीट जालोर से लड़ रहे हैं, मैं इस बार भी निश्चित रूप से उनके लिए प्रचार करूंगा। भाजपा और पीएम मोदी के 400 पार के नारे पर तंज कसते हुए सचिन पायलट पायलट ने कहा भाजपा को अगर अपने पर इतना विश्वास होता तो विपक्ष के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल नहीं करते। विशेष रूप से कांग्रेस के लोगों को अपने दल में ले रहे है। उससे लगता है कि उनको अपने पर विश्वास नहीं है।
एक ही तरह से जवाब देने में फायदा नहीं
पायलट से पूछा गया कि वह 2020 में गहलोत के साथ हुए अपने मतभेदों और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री के ‘निकम्मा-नकारा’ जैसे हमलों को भुलाकर कैसे आगे बढ़े? इस पर उन्होंने कहा, ‘मुझे एक ही तरीके से जवाब देने में कोई फायदा नहीं दिखा। मैंने उकसावे में आने से इनकार कर दिया, मैंने नाम लेकर आरोप-प्रत्यारोप करने के बजाय गरिमा और विनम्रता को चुना। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मैंने बड़ा दिल दिखाने और आगे बढ़ने का फैसला किया।