जयपुर:राजस्थान में पाकिस्तान सीमा से सटे बाड़मेर जिले में धारा-144 (निषेधाज्ञा) लगाए जाने का मामला गर्मा गया। बाड़मेर के जिला कलेक्टर लोकबंधु ने 12 मार्च तक धारा-144 लागू कर किसी भी स्थान पर एक साथ पांच या इससे अधिक लोगों के एकसाथ एकत्रित होने पर रोक लगाई है। होली के पर्व पर धारा-144 लगाए जाने का भाजपा और हिंदू संगठनों ने विरोध किया है।
कलेक्टर ने आदेश में लिखा कि कोई भी इस तरीके से रंग न खेले कि किसी दूसरे की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे। साथ ही दूसरे की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले गाने नहीं बजाने और किसी व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध रंग नहीं लगाने की बात कही। इस आदेश को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में प्रतिपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने नाराजगी जताई।
राठौड़ ने कहा कि यह हमारी धार्मिक भावनाओं के साथ कुठाराघात है। यह आदेश सरकार पर कलंक है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने कहा कि सरकार इस आदेश पर जवाब दे। हालांकि, सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया।
चिकित्सा विभाग की अनुदान मांगों पर हुई बहस
विधानसभा में शुकव्रार को चिकित्सा विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान भाजपा विधायक अभिनेष महर्षि ने जयपुर स्थित सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. सुधीर भंडारी पर खुद के इलाज में भारी लापरवाही के आरोप लगाए। इस मामले में मुख्यमंत्री का जिक्र आने के बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ।
महर्षि ने कहा कि मुझे कोरोना हो गया था। मैं अस्पताल में भर्ती था। इलाज कर रहे डॉ. भंडारी ने मुझे चार इंजेक्शन लगा दिए। कुछ दवाइयां भी दी गईं। मेरी हालत खराब हो गई। दरअसल, डॉ. भंडारी ने गंभीर रूप से बीमार अभिषेक नामक रोगी के नाम वाला इंजेक्शन महर्षि को लगा दिया था।
उन्होंने बताया कि डॉ. भंडारी ने दूसरे का इंजेक्शन मुझे लगाकर गलत किया। बाद में जब नर्सिंगकर्मी से मैंने रिपोर्ट मांगी, तो पता चला कि इंजेक्शन किसी अभिषेक नामक रोगी का था। रिपोर्ट देखकर मैंने डॉ. भंडारी को फोन करके बुलाया। उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष का विधायक हूं, इसलिए शायद मुख्यमंत्री ने मारने के लिए कहा होगा।
भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसी कौन सी अदृश्य शक्तियां हैं, जिनकी वजह से आप परेशान हैं। जब आप मंत्री बने थे, तो लोगों में चर्चा थी कि स्वास्थ्य विभाग के मंत्री का कितना साफ-सुथरा रंग है। अब आपका रंग, तो दिन-प्रतिदिन काला होता जा रहा है।
लाहोटी ने कहा कि कोरोना के समय ब्लैक फंगस के राजस्थान में 220 करोड़ के इंजेक्शन खरीदे गए। साथ ही 600 करोड़ के रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदे गए थे, लेकिन इनका हिसाब सार्वजनिक नहीं किया गया। बहस के दौरान सता पक्ष और प्रतिपक्ष के विधायकों ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए। अस्पतालों में चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों की कमी पर नाराजगी जताई।