पटना:पुलिसिंग के लिहाज से संवेदनशील थानों के कामकाज की समीक्षा को लेकर दूसरे सप्ताह भी आला पुलिस अफसरों की टीम फील्ड में डटी रही। मुख्यालय के सीनियर पुलिस अफसरों के साथ रेंज आईजी-डीआईजी और जिलों के एसपी को भी इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। डीजीपी एसके सिंघल खुद पटना के दीघा और राजीव नगर थाना पहुंचे और एक-एक बिंदु पर समीक्षा की। उन्होंने पुलिसकर्मियों को दो टूक कहा कि पटना में रहना है तो मेहनत करनी होगी, नहीं तो राजधानी से बाहर कर दिए जाएंगे।
बिहार के 216 थानों के कामकाज की समीक्षा का फैसला पिछले दिनों पुलिस मख्यालय ने लिया था। डीजीपी एसके सिंघल ने इसके लिए फील्ड में तैनात अफसरों के साथ ही मुख्यालय से एडीजी और आईजी रैंक के 28 अफसरों को भी जिम्मेदारी दी है। इन अफसरों को प्रत्येक बुधवार को एक थाना का दौरा कर वहां हो रहे काम की छानबीन करनी है। इसी कड़ी में आज राज्य के सभी जिलों में किसी न किसी सीनियर अफसर की मौजूदगी में थाना के कामकाज की समीक्षा की गई।
डीजीपी समेत तमाम पुलिस अफसर समीक्षा के क्रम में दो बातों पर फोकस कर रहे हैं। अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के साथ थाना स्तर पर लंबित वारंट और कुर्की के निष्पादन पर जोर दिया जा रहा है। जहां ज्यादा संख्या में वारंट आदि लंबित हैं उन्हें सख्त हिदायत भी दी जा रही है। दीघा और राजीव नगर थाना के दौरे के दौरान डीजीपी ने लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाने का आदेश दिया।
उन्होंने कहा कि दिन-रात मेहनत करना है तो करें पर किसी भी सूरत में वारंट लंबित नहीं रहने चाहिए। गिरफ्तारी हर हाल में करनी होगी। यदि कोई पुलिसकर्मी मेहनत नहीं करता है तो उसे पटना से बाहर कर दिया जाएगा। डीजीपी के साथ एडीजी मुख्यालय जेएस गंगवार और आईजी मुख्यालय गणेश कुमार भी थे।
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक पिछले हफ्ते दिए गए टारगेट के अनुसार थानों की समीक्षा का 99 प्रतिशत काम पूरा हो गया। अधिकारी फील्ड में गए और थानों के कामकाज की समीक्षा की। अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट भी भेज दी है, जिसकी समीक्षा की जा रही है। फिलहाल यह देखा जा रहा है कि कहां क्या कमी है और उसे दूर करने के लिए क्या किए जा सकते हैं। हालांकि रिपोर्ट के आधार पर अभी किसी पुलिस अधिकारी या कर्मी पर एक्शन नहीं लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट की समीक्षा के बाद जरूरी हुआ तो एक्शन लिया जाएगा।