जयपुर:राजस्थान में एक अदालत के मजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता को अपने कपड़े उतारने को कह दिया। मजिस्ट्रेट के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दरअसल, करौली जिले में एक मजिस्ट्रेट के खिलाफ दुष्कर्म पीड़िता से अपनी चोटें दिखाने के लिए कपड़े उतारने को कहने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उपाधीक्षक (अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति) प्रकोष्ठ मीना मीणा ने बताया कि दुष्कर्म पीड़िता ने 30 मार्च को हिंडौन की स्थानीय अदालत के मजिस्ट्रेट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
राजस्थान में एक अदालत के मजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता को अपने कपड़े उतारने को कह दिया। मजिस्ट्रेट के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दरअसल, करौली जिले में एक मजिस्ट्रेट के खिलाफ दुष्कर्म पीड़िता से अपनी चोटें दिखाने के लिए कपड़े उतारने को कहने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उपाधीक्षक (अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति) प्रकोष्ठ मीना मीणा ने बताया कि दुष्कर्म पीड़िता ने 30 मार्च को हिंडौन की स्थानीय अदालत के मजिस्ट्रेट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि युवती ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि मजिस्ट्रेट ने उसे चोटें दिखाने के लिए कपड़े उतारने को कहा था। अधिकारी ने कहा, ‘उसने कपड़े उतारने से इनकार कर दिया और 30 मार्च को अदालत में बयान दर्ज कराने के बाद मजिस्ट्रेट के खिलाफ मामला दर्ज कराया। मजिस्ट्रेट के खिलाफ कोतवाली पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।’
पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि युवती की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 345 और अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस के अनुसार दलित युवती से 19 मार्च को कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया था और 27 मार्च को हिंडौन सदर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई।
वहीं एक दूसरे मामले में छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में दो सगी बहनों समेत तीन लड़कियों से चार लोगों द्वारा कथित तौर पर बलात्कार किए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि दो आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ दो आरोपी नाबालिगों को भी पकड़ लिया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के पत्थलगांव थाना क्षेत्र में तीन बालिकाओं से बलात्कार की दो अलग घटनाओं में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है तथा दो नाबालिग लड़कों को पकड़ लिया है।