उज्जैन:मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में श्रावण मास के दौरान दर्शन-पूजन के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। मंदिर की दर्शन और अन्य व्यवस्थाओं में बदलाव को लेकर काम भी शुरू हो गया है। मंदिर समिति का दावा है कि आम दिनों के साथ सोमवार को भी 30 मिनट में दर्शन लाभ मिल सकेंगे। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों के मंदिर और उसके आसपास निरीक्षण का दौर भी शुरू हो गया है।
मंदिर प्रबंध समिति का कहना है कि कोविड के दो साल छोड़ दें तो जून-जुलाई में औसत 10 से 15 हजार श्रद्धालु हरदिन महाकाल के दर्शन के लिए आते थे लेकिन इस बार बदलाव देखा जा रहा है। श्रावण के पहले ही देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। सवारी के दौरान यह आंकड़ा छह गुना बढ़ सकता है। मंदिर में श्रावण माह में दर्शन व्यवस्था की योजना तैयार करने के लिए मंदिर समिति और प्रशासनिक अधिकारी लगातार निरीक्षण और दौरा कर रहे हैं। इस बार मंदिर में चल रहे विस्तारीकरण कार्य के चलते श्रद्धालुओं को दर्शन कराने के लिए कई तरह की समस्याएं भी सामने आ रही हैं। फिलहाल तीन तरह की व्यवस्था के लिए अफसरों ने दो घंटे मशक्कत कर माइक्रो प्लान तैयार किया है, जिसे अंतिम रूप कलेक्टर शुक्रवार को दे सकते हैं।
कैसे होंगे महाकाल दर्शन
महाकालेश्वर मंदिर में निर्माण कार्य के चलते इस बार श्रावण माह में आने वाले भक्तों को सहजता से दर्शन कराने के लिए मंदिर और जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारी मशक्कत कर रहे हैं। गुरुवार को अधिकारियों ने महाकाल मंदिर से सामान्य श्रद्धालुओं के लिए बनाए जाने वाले फैसिलिटी सेंटर सिद्ध आश्रम से पार्किंग स्थल चारधाम मंदिर की ओर से पैदल भ्रमण कर श्रद्धालुओं को दर्शन कराने का प्लान तैयार किया है। सामान्य श्रद्धालु- सिद्ध आश्रम के पास हरसिद्धि चौराहे से बेरिकेड्स के माध्यम से अन्नक्षेत्र के सामने से होकर शंख चौराहे से फैसिलिटी सेंटर में प्रवेश कर पाएंगे।
श्रद्धालु टनल टू से होकर कार्तिकेय मंडपम से होकर गणेश मंडपम तक पहुंचेगे और वापसी में निर्गम रैम्प से होकर निर्गम गेट से बाहर निकलेंगे। वापसी में भी बेरिकेड्स से होकर हरसिद्धि चौराहे तक पहुंचकर अपना सामान व जूते-चप्पल ले सकेंगे। फैसिलिटी सेंटर के पास जूता स्टैंड, क्लॉक रूम, टिकट काउंटर, प्रसाद काउंटर तैयार किया जाएगा। हालांकि यह प्लान अभी माइक्रो प्लान रहेगा। अंतिम रूप कलेक्टर आशीष सिंह के निरीक्षण के बाद ही फाइनल होगा।
14 जुलाई से श्रावण माह की शुरुआत, निकलेंगी 6 सवारियां
श्रावण की शुरुआत 14 जुलाई से हो जाएगी। श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली श्री महाकालेश्वर की सवारियों की श्रृंखला 18 जुलाई से प्रारंभ की जाएगी। ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास के अनुसार इस बार श्रावण-भाद्रपद माह में कुल छह सवारियां निकाली जाएंगी। पहली सवारी 18 जुलाई, दूसरी सवारी 25 जुलाई, तीसरी सवारी 1 अगस्त, चौथी 8 अगस्त, पांचवीं 15 अगस्त और शाही सवारी 22 अगस्त को निकाली जाएगी।
वीआईपी टिकट की कीमत होगी 250 रुपये
250 रुपये दान स्वरूप देकर शीघ्र दर्शन टिकट लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए हरसिद्धि चौराहे से सामान्य जनों के साथ ही बेरिकेड्स में दूसरी लाइन में लगकर शीघ्र दर्शन की व्यवस्था रहेगी। इनका भी प्रवेश शंख द्वार से होगा। लाइन में भीड़ कम होने से आने जाने में समय कम लगेगा। वीआईपी के लिए बेगम बाग से होते हुए महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालु अपने वाहन पार्क करने के बाद मंदिर समिति के वैकल्पिक वाहन ई-रिक्शा से महाकाल मंदिर प्रशासनिक भवन के सामने फैसिलिटी से प्रवेश कर सकेंगे व अलग बेरिकेटस से होकर नंदी हाल के पीछे से दर्शन कर इसी मार्ग से वापस बाहर निकलेंगे।
महाकाल मंदिर में जाने के लिए पंडे-पुजारी और प्रेस के लिए चार नंबर गेट से प्रवेश की व्यवस्था और वहीं से निर्गम की व्यवस्था रहेगी। श्रावण के महीने में बाहर से आने वाले कावड़ यात्रियों को भी अलग कतार से शंख द्वार से ही प्रवेश देने व्यवस्था की जाएगी। कावड़ यात्री कार्तिकेय मंडपम से जल अर्पित कर गणेश मंडपम से दर्शन कर निर्गम से बाहर निकलेंगे।
सवारी व्यवस्था प्रस्तावित
2 साल बाद परंपरागत मार्ग से निकालने वाली सवारी के दौरान गोपाल मंदिर, महाकाल घाटी, हरसिद्धि की पाल, रामानुज कोट, रामघाट पर बैरिकेडिंग की जाएगी। सभा मंडपम् में पूजन-आरती में महाकाल मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष, प्रशासक, पुजारियों के अलावा अन्य लोगों को प्रवेश नहीं मिलेगा। भजन मंडियों का क्रम टूटने नहीं दिया जाएगा। उन्हें रास्ते में ज्यादा देर रुकने की मनाही होगी। हरसिद्धि की पाल से रामानुज कोट को वन-वे बनाया जाएगा। वाहन प्रतिबंधित होंगे। रामानुजकोट के सामने बैरियर लगाएंगे। पालकी निकलने के बाद रामघाट पर नहीं जाने दिया जाएगा।
गर्भगृह में सामान्य श्रद्धालु प्रवेश बंद, केवल पुजारी ही जा सकेंगे
श्रावण में गर्भगृह में आम से लेकर खास श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रहेगा। प्रोटोकॉल से आने वाले श्रद्धालुओं को निकट से दर्शन करवाने के लिए नंदी हॉल में स्टील के बैरिकेड्स लगाए जाएंगे। श्रद्धालु गणेश कार्तिकेय मंडपम से चलित दर्शन कर सकेंगे। भस्म आरती के दौरान अधिक श्रद्धालुओं को दर्शन कराने के उद्देश्य से 12 जून से चलित दर्शन व्यवस्था शुरू हुई थी। ट्रायल के बाद निष्कर्ष निकाला गया कि इसे श्रावण में भी जारी रखा जाएगा।