गोरखपुर: सीएम योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी विवाद पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि दुर्भाग्य से आज लोग इसे मस्जिद कहते हैं, लेकिन वास्तविकता में ज्ञानवापी साक्षात् भगवान विश्वनाथ जी का धाम है। गोरखपुर विश्वविद्यालय में नाथ पंथ पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि भारत के लिए अस्पृश्यता एक अभिशाप है, जो न केवल साधना के मार्ग की बल्कि राष्ट्र की एकता और अखंडता की भी सबसे बड़ी बाधा है।
आचार्य शंकर और भगवान विश्वनाथ से जुड़े एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए, मुख्यमंत्री ने बताया कि शंकराचार्य की परीक्षा के दौरान उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि भौतिक अस्पृश्यता ही साधना के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि अगर देशवासियों ने यह समझा होता, तो भारत कभी गुलाम नहीं होता।
संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन और इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी, अमरकंटक के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी सहित अन्य विशिष्ट अतिथि मौजूद थे।