नोएडा। नोएडा को मेट्रो के जरिये दक्षिणी दिल्ली से जोड़ने की योजना पर काम शुरू हो गया है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा लाइन के सेक्टर-142 स्टेशन से सीधे दिल्ली के तुगलकाबाद को मेट्रो से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने सर्वे कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच एक्वा लाइन पर मेट्रो चल रही है। इस लाइन पर सेक्टर-142 मेट्रो स्टेशन बना हुआ है। सेक्टर-142 से तुगलकाबाद तक मेट्रो का नया कॉरिडोर बनाने पर विचार किया जा रहा है। यह यमुना को पार करते हुए बनेगा। यह कॉरिडोर करीब 15 किलोमीटर लंबा होगा। यह नोएडा-दिल्ली के बीच तीसरा मेट्रो कॉरिडोर होगा।
अधिकारियों की मानें तो डीएमआरसी ने तीन नए कॉरिडोर तैयार करने के लिए मेट्रो टोपोग्राफी सर्वे कराने का निर्णय लिया है। यह कॉरिडोर सेक्टर-142 से दिल्ली के तुगलकाबाद, समयपुर बादली से कुंडली और कुंडली से सोनीपत बीच बनाया जाना प्रस्तावित है। पहले से ही साकेत से तुगलकाबाद तक मेट्रो लाने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है। नोएडा से दिल्ली के बीच कॉरिडोर बनने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के आसपास रहने वाले लोगों को अधिक फायदा होगा।
नोएडा के सेक्टर-128, 129, 130, 137, 142, रायपुर, बख्तावरपुर, छपरौली, मंगरौली, झट्टा बादौली, गढ़ी शाहदरा समेत काफी सेक्टर और गांवों में रहने वालों को इसका फायदा मिलेगा। लोग इस मेट्रो के जरिये दिल्ली के खानपुर, साकेत और महरौली की तरफ भी आसानी से जा सकेंगे।
फरीदाबाद-पलवल की तरफ पहुंचना आसान होगा
इस कॉरिडोर के बनने पर हरियाणा के फरीदाबाद, बल्लभगढ़ और पलवल की तरफ पहुंचना भी आसान हो जाएगा। दिल्ली से बल्लभगढ़ के बीच मेट्रो चल रही है। इसको आगे पलवल तक ले जाने की योजना पर काम चल रहा है। नोएडा-दिल्ली के बीच बनने वाले कॉरिडोर का लिंक इस मेट्रो लाइन में दिया जाएगा। ऐसे में लोग मेट्रो के जरिये भी आसानी से पलवल तक जा सकेंगे।
कालिंदी कुंज पर लंबे जाम में फंसते हैं लोग
नोएडा से बदरपुर, तुगलकाबाद, फरीदाबाद और अन्य इलाकों में आने-जाने के लिए कालिंदी कुंज बॉर्डर का मात्र एक रास्ता है। यहां लोग सुबह-शाम लोग जाम में फंसते हैं।
नोएडा होते हुए 27 रूट पर ई-बसें चलेंगी
वहीं, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एरिया के आंतरिक हिस्से और गाजियाबाद और दिल्ली के लिए 27 रूट पर ई-बसें चलाने की तैयारी है। इस मामले में मंगलवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि योजना का विस्तृत अध्ययन कर प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। करीब 100 ई-बसें चलनी प्रस्तावित हैं। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम के समक्ष उत्तर प्रदेश के उपक्रम डायरेक्ट्रेट अर्बन ट्रांसपोर्ट की टीम ने ई-बसों के संचालन का लेकर प्रस्तुतिकरण दिया। सीईओ ने बताया कि पहले चरण में नोएडा के आंतरिक मार्गो, नोएडा से ग्रेटर नोएडा, नोएडा से दिल्ली, नोएडा से गाजियाबाद के बीच ई-बसें चलाई जाएंगी। इन्हीं रूट से संबंधित विवरण प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि 100 ई-बसों की योजना का विस्तृत अध्ययन कर जल्द प्रक्रिया बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। रूट का सर्वे का काम काफी पूरा कर लिया गया है।
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