वाराणसी: काशी में रविवार को अखिल भारतीय संत समिति और काशी विद्वत परिषद के संयुक्त तत्वावधान में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें अनंत श्री विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वतीजी महाराज, श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के साथ देश भर से संत समाज के दिग्गज उपस्थित रहे. इस बैठक का उद्देश्य देश की संस्कृति और परंपरा के साथ ही ज्ञानवापी मुद्दे पर चर्चा करना रहा. बैठक में काशी विद्वत परिषद ने ज्ञानवापी परिसर में नमाज पढ़े जाने पर तत्काल रोक लगाने की मांग की.
वाराणसी के छोटी गैबी ब्रम्ह आश्रम में रविवार को अखिल भारतीय सन्त समिति और काशी विद्वत परिषद की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जहां तमाम मुद्दों के साथ ही संतों की ज्ञानवापी का मुद्दा एक बार फिर से उठा. इस मुद्दे को काशी विद्वत परिषद ने उठाया. काशी विद्वत परिषद के महामंत्री राम नारायण द्विवेदी ने बैठक में संबोधित करते हुए कहा कि ये पूरा मामला न्यायालय में चल रहा है. ऐसे में हिंदू पक्ष को पूजन अर्चन करने पर रोक लगा के रखा गया है. जबकि, वहां पर विश्वेश्वर महादेव मिल चुके हैं. परन्तु जब हिंदू पक्ष को पूजन करने से रोका गया है, तो मुस्लिम को भी नमाज पढ़ने से रोका जाना चाहिए. इसलिए आज हम सभी ने सरकार से स्पष्ट रूप से मांग की है कि वहां पर नमाज पढ़ने पर तत्काल पाबंदी लगाई जाए. साथ ही, इस मुद्दे को लेकर न्यायालय के जरिए भी रास्ता बनाने पर विचार किया जा रहा है.
विदित हो कि काशी में आयोजित अखिल भारतीय संत समिति की बैठक में देश के सभी प्रमुख अखाड़ा के महामंडलेश्वर उपस्थित रहे. जिनके समक्ष भारतीय संस्कृति परंपरा और पूजन विधि पर भी चर्चा किया गया. इसके साथ ही बैठक में पंचाग निर्माताओं को भी एकजुट करने पर बल दिया गया है, जिससे त्योहार की तिथियों में किसी भी प्रकार कोई भ्रम न हो.