नई दिल्ली:केंद्र सरकार ने भविष्य निधि (पीएफ) में हर वर्ष 2.5 लाख से ज्यादा योगदान वालों के दो खाते खोलना अनिवार्य कर दिया है। यह नियम एक अप्रैल से लागू हो गया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अभी तक ऐसे सदस्यों के पीएफ खाते को दो जगह नहीं बांट पाया है। जानकारों का कहना है कि ईपीएफओ पीएफ खाते में ब्याज जमा करते समय पीएफ खाते को दो जगह बांट सकता है। सामान्यता पीएफ खातों में ब्याज सितंबर से दिसंबर के बीच जमा हो सकती है। यानी ऐसे पीएफ खातों को दो जगह बांटने में छह से नौ महीने की देरी हो सकती है।
टैक्स की गणना में हो सकती है समस्या: ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2022 के लिए 8.1 फीसदी की दर से ब्याज देने की घोषणा की है। जानकारों के मुताबिक, ज्यादा योगदान करने वालों के पीएफ खाते को दो जगह बांटने में देरी से कर की गणना में समस्या पैदा हो सकती है। वित्त वर्ष 2022 के बजट में सरकार ने पीएफ में सालाना 2.5 लाख से ज्यादा के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाने की घोषणा की थी।
जानकारों के अनुसार, 21 लाख या इससे ज्यादा बेसिक वेतन वाले ही इस नए नियम के दायरे में आएंगे। क्योंकि इनका 12.5 फीसदी योगदान 2.5 लाख रुपये से ज्यादा होता है। हालांकि, अभी तक ईपीएफओ की तरफ से पीएफ खाते को बांटने को लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है। कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ईपीएफओ के स्पष्टीकरण का इंतजार कर रहे हैं।
अब कोटक महिंद्रा बैंक में पेंशन खाता खोला जा सकता है। इसके लिए बैंक को केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (सीपीएओ) से मंजूरी मिल गई है। वित्त मंत्रालय के एक कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, सीपीएओ ने 23 फरवरी 2022 को कोटक महिंद्रा बैंक को पेंशन वितरण शुरू करने की मंजूरी दी थी। हालांकि, बैंक को योजना की गाइडलाइंस का पालन करना होगा।