अमरावती:राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने मुंबई स्थित अपने आवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन का हवाला देते हुए रविवार को कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के हड़ताली कर्मचारियों के मुद्दों को सुलझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कुछ लोगों द्वारा उन्हें गुमराह किया जा रहा है और उकसाया जा रहा है।
पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती में एनसीपी कार्यकर्ताओं की एक रैली को संबोधित करते हुए पवार ने यह भी कहा कि जो लोग एमवीए सरकार से सत्ता छीनने के लिए बेताब हैं, वे केंद्र की शक्ति का दुरुपयोग करके राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। पवार ने कहा, ‘राज्य सरकार राज्य परिवहन के कर्मचारियों के मुद्दों को हल करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है लेकिन उनका नेतृत्व गलत हाथों में चला गया है। कुछ लोग राज्य परिवहन कर्मियों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। मेरे घर (मुंबई में) जो हुआ वह कोई संकट नहीं है, इसे कोई महत्व नहीं दिया जाना चाहिए।’
एमएसआरटीसी हड़ताली कर्मचारियों के एक समूह ने शुक्रवार दोपहर दक्षिण मुंबई के पेडर रोड स्थित पवार के बंगले ‘सिल्वर ओक’ के बाहर अचानक उग्र विरोध प्रदर्शन किया था, जब वह घर पर थे। कर्मियों ने पवार पर उनकी मदद के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया था। पवार ने कहा, ‘पिछले दो दिनों की घटनाओं से संकेत मिलता है कि राज्य परिवहन कर्मियों को कुछ लोगों ने उकसाया और गुमराह किया। राजनीतिक जीवन में एक व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जबकि उनमें से कुछ प्रायोजित होते हैं और कुछ स्थितिजन्य होते हैं।’
पवार ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने सुनिश्चित किया कि 1993 में हुए बम विस्फोटों के तीन दिनों के भीतर मुंबई सामान्य हो जाए। उन्होंने कहा, ‘मुंबई विस्फोट शुक्रवार 12 मार्च, 1993 को हुआ था। हितधारकों के ठोस प्रयासों से, हमने सुनिश्चित किया कि मुंबई सही रास्ते पर वापस आ जाए। विस्फोटों के तीन दिन बाद, मुंबई में 100 प्रतिशत कारखाने, 100 प्रतिशत स्कूल और कॉलेज शुरू हुए।’
पवार ने भाजपा नीत केंद्र पर देश में सांप्रदायिक नफरत और दुश्मनी की राजनीति करने का आरोप लगाया। पवार ने कहा, ‘हिंदुओं और मुसलमानों, दलितों और गैर-दलितों के बीच कुछ हलकों में दरार पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। हमें इसकी जांच करनी चाहिए।’ राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘हालांकि राज्य में सत्ता एमवीए के हाथों में है, लेकिन स्थिति आसान नहीं है। सत्ता से दूर हुए लोग इसे हथियाने के लिए बेताब हैं। केंद्र के हाथों में सत्ता का इस्तेमाल करके वे राज्य में सरकार को अस्थिर करने के लिए तैयार हैं।’
पवार ने यह भी कहा कि एमवीए नेताओं के खिलाफ विभिन्न आरोप लगाए जा रहे हैं और उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों द्वारा एमवीए के दो मंत्रियों- अनिल देशमुख और नवाब मलिक- की गिरफ्तारी का हवाला दिया। इस मौके पर राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल, महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और राकांपा के अन्य नेता मौजूद थे। पवार ने आरोप लगाया कि जब ईंधन की कीमत में वृद्धि और महंगाई के मुद्दे गंभीर रूप धारण कर रहे हैं, तो लोगों का ध्यान ‘न्यायसंगत और वैध मुद्दों’ से हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बॉलीवुड फिल्म द कश्मीर फाइल्स का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि धार्मिक आधार पर समाज में दरार पैदा करने की कोशिश की जा रही है।