नई दिल्ली:यूक्रेन युद्ध के बीच भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए रूस को एक्सपोर्ट फिर से शुरू कर दिया है। रूस के कहने पर भारतीय उद्योग ने चाय, चावल, फल, कॉफी, समुद्री उत्पादों और कन्फेक्शनरी के एक्सपोर्ट को फिर से शुरू कर दिया।
खबर के मुतााबिक, शिपमेंट पिछले महीने शुरू हुए थे। हालांकि इंश्योरेंस में दिक्कतों और कंटेनरों की उच्च लागत जैसे बाहरी कारणों से समस्याओं का सामना कर रहे हैं, लेकिन भुगतान दो रूसी बैंकों – सर्बैंक और अल्फा बैंक के माध्यम से किया जा रहा है।
ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, उद्योग के सूत्रों ने कहा कि पिछले एक्सपोर्ट में गैर-बासमती चावल के 100 से अधिक कंटेनर और समान संख्या में समुद्री उत्पाद और कन्फेक्शनरी कंटेनर शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि भारतीय निर्यातकों के लिए रूस में अपनी वस्तुओं को स्थापित करने के वास्ते बड़े अवसर खुल गए हैं।
24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस को एक्सपोर्ट बंद हो गया था। लेकिन युद्ध शुरू होने से पहले जो शिपमेंट रूस गए थे, उनका लगभग 2,000 करोड़ रुपये का भुगतान रुक गया था, क्योंकि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के चलते रूस को स्विफ्ट बैंकिंग सिस्टम से डिस्कनेक्ट कर दिया गया था।
हालांकि, निर्यातकों और भारत सरकार ने अभी-मौजूदा चैनलों के जरिए अपना काम किया है जिसके माध्यम से यूरोपीय देश रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं। चीन द्वारा पॉज बटन दबाए जाने के बाद रूस अपने वैज्ञानिक सहयोग का विस्तार करने के लिए भी भारत के संपर्क में है।
रूसी विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष अलेक्जेंडर सर्गेव ने पिछले सप्ताह कहा था कि फार्मास्यूटिकल्स, अंतरिक्ष और डिजिटल ऐसे क्षेत्र हैं जहां रूस भारत के साथ अपना सहयोग बढ़ाना चाहता है।