नई दिल्ली:भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा चौकसी और आधारभूत ढांचा मज़बूत करने के लिहाज से काम तेज किया गया है। 47 नई सीमा चौकी ( बीओपी) और रणनीतिक रूप से कई अहम सड़कों पर काम तेज किया गया है। चीन को रणनीतिक रूप से काउंटर करने के लिए पूरी तत्परता से काम किया जा रहा है।
गृह मंत्रालय द्वारा संसदीय पैनल को दी गई जानकारी के मुताबिक भारत-चीन सीमा पर प्रथम चरण की 25 सड़को में बचा हुआ काम तेजी से चल रहा है। जबकि दूसरे चरण के तहत 32 सड़के अलग अलग इलाको में बनाने का काम विभिन्न स्तरों पर चल रहा है। अकेले लद्दाख इलाके में कई रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़को का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
लद्दाख के अलावा अरुणाचल प्रदेश में 18 फुट ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है। ये ऐसे इलाके हैं जहां पैदल चलना भी मुश्किल होता है। जानकारी के मुताबिक, 47 नई आईटीबीपी सीमा चौकियों (बीओपी) का विकास और 12 स्टेजिंग कैम्प का काम शुरू किया गया है। करीब 32 हैलीपेड बनाए गए हैं इनमें से कुछ पहले से मौजूद हैं जिनका अपग्रेडेशन किया गया है।
एजेंसियो द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मौजूदा बुनियादी ढांचे में सुधार और परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सुरक्षा बलों, भारत सरकार ने पिछले कुछ समय में विभिन्न परियोजनाएं पिछले कुछ वर्षों में शुरू की हैं।
भारत-चीन सीमा के पास पहले चरण की 25 सड़कों का निर्माण 3482.52 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शुरू किया गया था। करीब 751.58 किलोमीटर में से 721.02 किलोमीटर यानी लगभग 95 फीसदी का गठन और 545.05 किलोमीटर करीब 74 फीसदी सड़क का सरफेसिंग पूरा कर लिया गया है। इनमें से 475.29 किलोमीटर की 18 सड़कों को हर तरह से पूरा कर लिया गया है। ये परिचालन उपयोग में हैं। शेष 7 सड़कों का निर्माण कार्य अभी चल रहा है।
दूसरे चरण में 683.12 किमी की 32 सड़कों को 12434.90 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाने की मंजूरी सितंबर 2020 में दी गई थी। इनमें से 8 सड़कों पर शुरू किया गया है। भूमि अधिग्रहण और अन्य वैधानिक मंजूरी 18 सड़कों पर ली है और 14 सड़कों के लिए प्रक्रिया जारी है।
अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का विकास भी सरकार के एजेंडे में प्रमुख है। भारत सरकार ने 23 दिसंबर 2020 को 18 फुट ब्रिज के निर्माण को मंजूरी दी थी इसमें अपेक्षित संख्या में फुट सस्पेंशन ब्रिज, लॉग ब्रिज,स्टेजिंग कैम्प शामिल हैं। इसकी अनुमानित लागत 1162.19 करोड़ रुपये है और कुल 598.27 किलोमीटर का निर्माण किया जाना है।
सरकार ने बताया है कि इन कामो के लिए भूमि अधिग्रहण और अन्य वैधानिक मंजूरी की प्रक्रिया तेजी से पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि भारत चीन सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण और सुरक्षा के लिहाज से जरूरी निर्माण कार्य मे किसी भी तरह को बाधा नही आने देने के निर्देश दिए गए हैं।