अयोध्या:चैत्र मास में रामलला के प्राकट्योत्सव के बाद अब माता जानकी के प्राकट्य की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जनक नंदिनी माता जानकी का प्राकट्योत्सव इस साल बैसाख शुक्ल नवमी पर जानकी नवमी पर्व मनाया जाएगा। विडम्बना यह है कि जानकी नवमी को लेकर उदया तिथि का भेद भी सामने आया है। छोटी देवकाली मंदिर में जानकी नवमी का उत्सव 16 मई को मनाया जाएगा जबकि वैष्णव परम्परा के मंदिरों में 17 मई को आयोजन की जानकारी मिली है। फिलहाल इस साल पहली बार राम मंदिर में भी पूरी भव्यता के साथ जनकनंदिनी माता जानकी का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा।
यह जानकारी श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय की ओर से दी गयी। खास बात है कि राम मंदिर निर्माण के समय सीता जी को भी मंदिर में स्थान दिए जाने पर बहस चल रही थी। इस पर तीर्थ क्षेत्र को आगे आकर सफाई देनी पड़ी की श्रीराम जन्मभूमि रामलीला का प्राकट्य स्थल है इसलिए भूतल में बालक राम और उनके अनुजों की ही प्रतिष्ठा की जाएगी। वहीं राम मंदिर के प्रथम तल पर श्रीराम दरबार का विग्रह प्रतिष्ठित किया जाएगा। इस विग्रह में राम-लक्ष्मण, सीता के साथ हनुमान जी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा राम मंदिर में सीता रसोई की भी परिकल्पना की गयी है। यहीं भगवान के भोग का प्रसाद भी निर्मित होगा। इस सीता रसोई का निर्माण राम मंदिर के उत्तर में किया गया था जहां पहले सीता रसोई -राम जन्मस्थान मंदिर था लेकिन वास्तु शास्त्र के दृष्टिगत इस स्थान को बदलकर नया स्थान चिह्नित करने पर मंथन चल रहा है। वास्तु के लिहाज से सीता रसोई का स्थान आग्नेय कोण में होना चाहिए। फिलहाल यहां सूर्यदेव के मंदिर का निर्माण हो रहा है, जो कि परकोटे का दक्षिण -पूर्व कोना है।
जानकी जन्मोत्सव के साथ देवकाली समाज संस्था का मनेगा 89 वां वार्षिकोत्सव:
अयोध्या में शाक्त परम्परा के सबसे प्रतिष्ठित देवी मंदिर छोटी देवकाली में बैसाख नवरात्र का नौ दिवसीय अनुष्ठान नौ मई से दुर्गा सप्तशती के पारायण से होगा। इस मौके पर देवकाली मंदिर में उत्सवों का आयोजन करने वाली संस्था देवकाली समाज का 89 वां वार्षिकोत्सव भी मनाया जाएगा। इस दौरान महाअष्टमी के पर्व पर 15 मई को छोटी देवकाली मंदिर में देवी मां की भव्य शोभायात्रा पूरे नगर में धूमधाम से निकाली जाएगी। इस दौरान मंदिर परिसर के साथ नगर को भी बिजली की झालरों व प्रवेश द्वारों से सजाया जाएगा। वहीं जानकी नवमी के मुख्य पर्व पर 16 मई को देवी मां के फूल बंगले की मनोहारी झांकी सजाई जाएगी और 1051 बत्ती की महाआरती भी की जाएगी।
कनक भवन, जानकी महल,राम हर्षण कुंज समेत अन्य मंदिरों में भी होगा उत्सव:
उधर दशरथ राजमहल बड़ा स्थान में जानकी नवमी के उपलक्ष्य में श्रीराम महायज्ञ का आयोजन बिंदु गद्याचार्य स्वामी देवेन्द्र प्रसादाचार्य महाराज के सानिध्य में परम्परा गत रूप से किया जाएगा। इस महायज्ञ का आयोजन मखौड़ा धाम स्थित श्रीराम-जानकी मंदिर में होगी। इसी कड़ी में कनक भवन में भी जनकनंदिनी का उत्सव श्रद्धा और उल्लास के वातावरण में मनाया जाएगा। इस कनक भवन की मान्यता है कि माता कैकेई ने इसे देवी सीता को मुख दिखाई में भेंट स्वरूप दिया था। इसी तरह से जानकी महल को भी जनकलली किशोरी जी का मायका कहा जाता है। यहां मंदिर के संस्थापक किशोरी जी को अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार कर उनकी सेवा में स्वयं को अर्पित किया था। राम हर्षण कुंज के संस्थापक आचार्य ब्रह्मलीन स्वामी राम हर्षण दास जनकलली किशोरी से भ्रात सम्बन्ध की उपासना परम्परा को विकसित किया था। इसी तरह वैष्णव परम्परा के अनेक मंदिर जानकी निवास, जानकी वल्लभ कुंज व जानकी वर भवन समेत अन्य मंदिरों में किशोरी जी की ही प्रधानता है। इन सभी में उत्सव श्रद्धा के साथ आयोजित होगा।